श्रीराम की जय-जयकार के उदघोष से गूंज उठी धर्मनगरी सिरसा
हर बच्चे, बुजुर्ग और युवा की जुबां पर बस एक ही नाम जय श्रीराम-जयश्रीराम
विधायक गोपाल कांडा ने की ज्योति प्रज्जवलित, श्रीरामलला के दर्शन कर लिया आशीर्वाद
5100 महिलाओं ने एक साथ ध्वजा ध्वजा उठाकर रचा इतिहास,
सिरसा, 22 जनवरी (हि.स.)। पांच सौ साल बाद प्रतीक्षा की घड़ी समाप्त हुई और सनातन संस्कृति के प्राण श्रीरामलला सोमवार को सिंहासन पर प्रतिष्ठित हुए। समूचा देश जन श्री राम जय श्री राम के उदघोष से गूंज उठा। राममय वातावरण त्रेतायुग की अयोध्या सी सजी सिरसा धर्म नगरी में श्रीराम विग्रह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में विशाल एवं भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसे अब तक की सबसे बड़ी धार्मिक शोभायात्रा माना जा रहा है।
पूरा नगर केसरिया रंग में रंगा नजर आ गया तो हर गली, हर कूचा और मंदिरों से श्रीराम की जय-जयकार का उदघोष सुनाई पड़ रहा है। सड़कों के दोनों ओर धर्म पताकाएं लहरा रही थी। नगर में और शोभायात्रा में शामिल हर हर बच्चे, हर बुजुर्ग और हर युवा की जुबां पर बस एक ही नाम जय श्रीराम-जयश्रीराम रहा। इस शोभायात्रा का जगह- जगह पर पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। हर व्यक्ति इस शोभायात्रा में किसी न किसी रूप में अपना योगदान ठीक उसी प्रकार दे रहा था जैसे समुंद्र पर पुल बनाते समय गिलहरी ने दिया था। दूर दूर तक डीजे पर बज रहे राम भजन और जय श्रीराम के जयकारे सुनाई दे रहे थे। श्रीरामलला और झांकियों में सजे देवी देवता रूप के दर्शन के लिए सड़क किनारे श्रद्धालु खड़े हुए थे। इस विशाल एवं भव्य शोभायात्रा को सिरसा के विधायक, पूर्व गृहराज्य मंत्री एवं हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा ने विधिविधान के साथ पूजन कर, ज्योति प्रज्जवलित कर श्रीरामलला के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद शोभायात्रा रवाना हुई।
केसरिसा रंग में रंगा नजर आई धर्म नगरी सिरसा
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर नगर वासियों में उत्साह चरम पर देखा गया। पूरा नगर केसरिया रंग में रंग हुआ था। मंदिरों का भव्य रूप से सजाया गया। सभी मुख्य चौराहों की सजावट की गई। हर बाजार में केसरिया रंग के तोरण द्वार बनाए गए थे। कुछ स्थानों पर प्रतिष्ठानों को फूलों से सजा गया था। कई स्थानों पर पंडाल में श्रीराम के चित्र रखकर पूजा पाठ किया गया। जगह जगह पर खासकर व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठान से शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा की। पूरे दिन रामधुन और भजन बजते रहे। इसके अलावा रंग-बिरंगी पट्टी लगाई गई। कई स्थानों पर शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/संजीव
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