हिसार: नौकरशाह से गायक बने डॉ. फुलिया ने 52 भाषाओं में एक लाख से अधिक गीत गाए

हिसार: नौकरशाह से गायक बने डॉ. फुलिया ने 52 भाषाओं में एक लाख से अधिक गीत गाए
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हिसार: नौकरशाह से गायक बने डॉ. फुलिया ने 52 भाषाओं में एक लाख से अधिक गीत गाए


हिसार, 25 फरवरी (हि.स.)। अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. राजरूप फुलिया को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड् की ओर से उनके कॉर्पोरेट कार्यालय में आयोजित छठे दीक्षांत समारोह के दौरान गायन में विशिष्ट उपलब्धि के लिए प्रतिष्ठित रिकॉर्ड धारक के रूप में सम्मानित किया गया।

डॉ. फुलिया ने जुलाई 2018 से जून 2022 तक, चार वर्षों में, 25 विदेशी भाषाओं सहित, 52 भाषाओं में, स्टार मेकर और समूले सिंगिंग ऐप्स में एक लाख एक हजार 111 गाने कवर पोस्ट किए। इससे पहले, उन्होंने 30 मई, 2020 को, एक दिन में 202 गाने विदेशी (इंडोनेशियाई) भाषा में रिकॉर्ड करके स्टारमेकर ऐप पर पोस्ट करके 16 घंटे नॉन-स्टॉप गायन का एक और रिकॉर्ड बनाया था।

पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी, डॉ. फुलिया ने अपनी शिक्षा यात्रा अपने गांव के सरकारी स्कूल से शुरू की और फिर दिल्ली चले गए जहां उन्होंने 1972 से 1980 तक बैंक ऑफ इंडिया में पहले क्लर्क और बाद में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में कार्य किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम. (ऑनर्स) की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1980 में भारतीय आर्थिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और वहां शामिल हो गये। सन 1981 में वह भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा में शामिल हुए और दो साल तक वहां रहने के बाद सन 1983 में भारतीय प्रशासनिक सेवा, हरियाणा कैडर में नियुक्त हो गए। उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में अपनी पहली मास्टर डिग्री प्राप्त की।

सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी तीसरी और चौथी मास्टर डिग्री प्राप्त की और अब पांचवीं एमए दर्शनशास्त्र की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने इग्नू से मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और आईआईएम, बैंगलोर से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन में डिप्लोमा भी प्राप्त किए है।

डॉ. फुलिया ने अपनी फील्ड पोस्टिंग के दौरान एसडीएम, सिवानी, अतिरिक्त उपायुक्त, फरीदाबाद, उपायुक्त, यमुनानगर और महेंद्रगढ़, संभागीय आयुक्त, हिसार, कुलपति गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, और चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा पदों पर कार्य किया। इन सभी पदों पर काम करते हुए उन्होंने ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम किया तथा उनकी छवि एक कर्मठ और जनहितैषी प्रशासक की रही। उन्होंने आम जनता की भलाई के लिए विशेष कार्य किए और वे अपनी निष्पक्ष, पारदर्शी तथा विशिष्ट कार्य शैली के लिए जाने गए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

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