सोनीपत में रीति रिवाज से मनाया गया होली का पर्व
सोनीपत, 24 मार्च (हि.स.)। होली का पूजन रीति रिवाज अनुसार रविवार को किया गया। पूजन की सामग्री तैयार कर, देवी का पूजनकिया, चार दिशाओं में प्रसाद चढ़ाकर, और आरती की गई। ग्रामीण परिवेश में अपने देवी देवताओं दादा खेड़े की पूजा की गई हैं।
सोनीपत, गन्नौर, खरखौदा, गोहाना आदि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में होली में धागा बांधने का परंपरागत विधि पूरी की। इससे द्वेष को भूलकर सभी के बीच एकता और स्नेह का महत्व समझाया गया है। होली को संदेश है कि होली के दिन लोग अपने भेदभावों को छोड़कर एक-दूसरे के साथ प्यार और मित्रता का आनंद उठाते हैं।
होली के माध्यम से अधिकांश लोग बुराई को दूर करने और सच्चे प्यार और समझौते का प्रतीक मानते हैं। यह उत्सव खुशियों को बांटने और समरसता को बढ़ाने का अवसर देता है। रविवार को भजन गाती हुई घरों से निकली महिलाओं ने होली का पूजन कर बच्चों और परिजनों के स्वास्थ्य की मन्नतें मांगी। जगह-जगह बनाई गई होली में लोगों ने भारी मात्रा में घरों से लाकर लकड़ियां और उपले रखे। विभिन्न शहरों में होली का पूजन किया गया।
विभिन्न क्षेत्रों में बनाई गई होली पर महिलाएं टोलियों में भजन गाती हुई पहुंचीं। बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं ने होली मां का पूजन किया और बच्चों और परिवार के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने गोबर से बनाई गई माला में अर्धचंद्र, तारे, सूर्य और चकला-बेलन होली मां पर चढ़ाए। रात्रि को ढ़ोल नगाड़ों के साथ होलिका का दहन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव
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