हिसार : सेलेब्रिटीज़ के खिलाफ चार्जशीट नहीं देने पर विशेष अदालत ने पुलिस को जारी किए नोटिस
पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह व टीवी सेलिब्रिटी मुनमुन दत्ता व युविका चौधरी द्वारा दलित समाज के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला
पुलिस ने सेलेब्रिटीज़ को जेल जाने से बचाने को संविधान के अनुच्छेद 14, सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के आदेशों की उड़ाई धज्जियां : रजत कल्सन
हिसार, 29 अक्टूबर (हि.स.)। हांसी के थाना शहर में अनुसूचित जाति समाज के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता रजत कल्सन द्वारा पूर्व क्रिकेटर युवराज के खिलाफ फरवरी 2021 को तथा अभिनेत्रियों युविका चौधरी व तारक मेहता का उल्टा चश्मा की अभिनेत्री मुनमुन दत्ता के खिलाफ मई 2021 में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज हुए थे। इन मुकदमों को दर्ज हुए साढ़े तीन साल से अधिक का समय हो चुका है परंतु जांच एजेंसी ने इन दर्ज मामलों में आज तक अदालत में चार्जशीट पेश नहीं की है।
शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि एससी एसटी एक्ट में दर्ज मामलों में अधिकतम साठ दिन के भीतर अदालत में चालान फाइल करना होता है परंतु पुलिस ने इन मामलों में आज तक चालान पेश नहीं किया है। रजत कल्सन ने बताया कि एससी एसटी एक्ट की धारा 4 के अनुसार यदि एससी एसटी एक्ट की धाराओं में दर्ज मुकदमे में जांच अधिकारी साठ दिन के अंदर चार्जशीट पेश नहीं करता है तो वह जानबूझकर की गई लापरवाही का दोषी माना जाता है तथा इसमें एक साल की सजा हो सकती है। इसी के चलते उन्होंने स्टेट क्राइम ब्रांच के एडीजीपी, हिसार जोन के एसपी तथा जांच अधिकारी डीएसपी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धारा 4, व आईपीसी की धारा 217,219,166, 166A के तहत हिसार की विशेष अदालत में मुकदमा भी दायर किया हुआ है। कलसन ने कहा कि उपरोक्त तीनों मामले में तीनों सिलेब्रिटीज को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी तथा ये तीनों सेलिब्रिटीज हांसी पुलिस के समक्ष पेश भी हो चुके हैं तथा उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था तथा जिस लैपटॉप व मोबाइल के माध्यम से उन्होंने दलित समाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थी वो डिवाइस भी पुलिस ने जब्त कर ली है परंतु इस मामले में जांच लगभग पूरी हो जाने के बाद भी जानबूझकर चार्जशीट नहीं पेश की गई।
अब इस मामले में हिसार की विशेष अदालत ने शिकायतकर्ता रजत कल्सन की याचिका पर स्टेट क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी व थाना शहर हांसी के प्रभारी को नोटिस जारी कर मामले की लेटेस्ट स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। स्टेट क्राइम ब्रांच को उपरोक्त मामलों में पुलिस को 21 दिसम्बर को विशेष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी पड़ेगी। कलसन ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने सरेआम संविधान के अनुच्छेद 14 की धज्जियां उड़ाई हैं जिसके अनुसार सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर
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