पर्यावरणीय व अन्य चुनौतियों से निपटने में कारगर सिद्ध हो सकते गुरु जम्भेश्वर जी के सिद्धांत : प्रो. नरसी राम
गुरु जी के अवतार दिवस के उपलक्ष्य में हवन यज्ञ, ध्वजारोहण व पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित
हिसार, 26 अगस्त (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विश्व की वर्तमान पर्यावरणीय व अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए गुरु जम्भेश्वर जी के सिद्धांत कारगर सिद्ध हो सकते हैं। पांच सदी से अधिक समय बीतने के बाद भी गुरु जी के सिद्धांत और भी अधिक प्रासंगिक होते जा रहे हैं।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई सोमवार को विश्वविद्यालय में भगवान श्री गुरु जम्भेश्वर जी के 574वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हवन यज्ञ, ध्वजारोहण तथा पौधारोपण कार्यक्रमों में बातचीत कर रहे थे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सर्वप्रथम ध्वजारोहण किया तदोपरांत हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। प्रो. नरसी राम बिश्नोई व डा. वंदना बिश्नोई ने मुख्य यजमान के रूप में हवन यज्ञ में आहुति दी। कुलपति ने कहा कि हमें गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बिश्नोई धर्म संस्थापक और गुरु जम्भेश्वर जी का जन्म वि.स. 1508 (सन् 1451) की भादो वदि अष्टमी सोमवार के दिन कृत्तिका नक्षत्र में राजस्थान प्रांत के नागौर जिले के पीपासर गांव में हुआ था। उन्होंने बताया कि गुरु जम्भेश्वर जी की समाधि बीकानेर जिले की नोखा तहसील के मुकाम गांव में बनी हुई है। मुकाम से दो किलोमीटर दूरी पर समराथल धोरा है, जहां गुरू जी ने बिश्नोई धर्म की स्थापना की तथा उनकी तपोभूमि है।
संस्थान के अधिष्ठाता प्रो. एनके बिश्नोई तथा विभागाध्यक्ष प्रो. किशना राम बिश्नोई ने बताया कि इस अवसर पर धार्मिक अध्ययन संस्थान परिसर में प्रो. नरसी राम बिश्नोई तथा डा. वंदना बिश्नोई ने खेजड़ली के पौधे भी रोपित किए। नेकीराम ने हवन यज्ञ का संचालन किया तथा जम्भवाणी का पाठ किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / संजीव शर्मा
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