विधानसभा में तय नहीं हुआ राज्य गीत, बनाई कमेटी
कांग्रेस, भाजपा व जजपा विधायकों ने गिनाई खामियां
स्पीकर ने बनाई पांच सदस्यीय कमेटी
चंडीगढ़, 19 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा की जनता को आज अपना राज्य गीत नहीं मिल सका। राज्य गीत चुने जाने की दौड़ में शामिल तीन गीतों में से किसी पर भी सहमति नहीं बन सकी। सदन में कांग्रेस, भाजपा तथा जजपा विधायकों ने इसमें संशोधन की वकालत की तो स्पीकर ने एक पांच सदस्यों की कमेटी का गठन कर दिया। अब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस गीत पर कोई फैसला होगा।
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बाकायदा तीन गीत विधायकों को सुनाए गए थे, जिस पर मंगलवार को फैसला होना था लेकिन राज्य गीत पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके चलते हरियाणा को उसका राज्यगीत नहीं मिल पाया। राज्यगीत का चयन अब पांच सदस्यीय कमेटी करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 14 प्रदेशों द्वारा अपने राज्यगीत तैयार किए गए हैं।
हरियाणा का भी राज्यगीत हो, ताकि उसे राजकीय व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बजाया जा सके। राज्य गीत के लिए तीन गीतों को सूचीबद्ध करते हुए 15 दिसंबर को सदन में सुनवाया गया था। मंगलवार को स्पीकर ने सभी विधायकों को अपनी पसंद बताने के लिए एक फार्म भेजा। राज्यगीत के चयन को लेकर विधायकों ने अलग-अलग सुझाव दिए। कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने सुझाव दिया कि राज्यगीत में गायक अच्छा नहीं है और न इसका म्यूजिक बेहतर है और आडियो के साथ वीडियो भी होनी चाहिए। वहीं जगबीर मलिक ने कहा कि संशोधन की गुंजाइश है। भाजपा विधायक विशंबर वाल्मीकि ने तीनों गीतों में पहले गीत के बोल अच्छे थे।
कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने राज्य गीत में ब्रज क्षेत्र का भी उल्लेख किया जाए। मोहम्मद इलियास ने मेवात क्षेत्र का भी जिक्र करने का सुझाव दिया। भाजपा विधायक असीम गोयल ने हरियाणवीं रागनियों की तर्ज पर म्यूजिक बनाने और जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने कुरुक्षेत्र का नाम जोड़ऩे का सुझाव दिया।
राज्यगीत के गौरी नार के बोल पर नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुटकी लेते हुए कहा कि गौरी नार शब्द ठीक नहीं है, केवल नार (महिला) शब्द का प्रयोग किया जाए। किरण चौधरी ने नई बिजली पर चुटकी ली कि बिजली 1970 के दशक में आई थी।
गृह मंत्री अनिल विज ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जिस से तरह तीज-त्योहार मनाने का जिक्र किया गया है, उसी तरह गुरपर्व व सिखों का भी जिक्र होना चाहिए, क्योंकि हर वर्ग बराबर है। इस मुद्दे पर लंबी चर्चा के बाद जब कोई हल नहीं निकला तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्यगीत का चयन करने के लिए कमेटी बनाने का सुझाव दिया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कोसली से भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। यह कमेटी एक महीने में राज्यगीत के चयन को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी में बवानी खेड़ा से भाजपा विधायक विशंबर वाल्मीकि, जजपा विधायक जोगीराम सिहाग सहित कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल व नीरज शर्मा को शामिल किया गया। विस अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि एक महीने के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। साथ ही उन्होंने सभी विधायकों से आग्रह किया कि जो भी सुझाव व आपत्तियां हैं, वह कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करें।
इन तीन गीतों में एक होगा राज्यगीत
1. 'जय जय, जय हरियाणा, पावन धरती वेदों की
जहां हुआ हरि का आणा, जय-जय हरियाणा...।'
2. 'जय वीर धरा, जय धीर धरा, जय नीर धरा हरियाणा
जय हरी धरा, जय वसुंधरा, जय हरित देश हरियाणा...।'
3. 'जय हरियाणा, जय हरियाणा, जय हो तेरी हरियाणा
वेद पुराणों में वर्णित है तेरी गौरव गाथा,
ज्ञान की गंगा, सरस्वती का उद्गम तू कहलाता, जय हरियाणा...।'
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/दधिबल
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