ग्रामीण सफाई कर्मियों को पक्का नहीं करेगी सरकार

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ग्रामीण सफाई कर्मियों को पक्का नहीं करेगी सरकार


विधानसभा में कांग्रेस विधायक बलबीर वाल्मीकि ने उठाया मुद्दा

चंडीगढ़, 26 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा सरकार अभी प्रदेश के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को नियमित नहीं करेगी। यह जानकारी विधानसभा में इसराना से कांग्रेस सदस्य बलबीर सिंह वाल्मीकि के सवाल पर सरकार ने दी है।

प्रदेश के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को नियमितीकरण का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य बलबीर सिंह वाल्मीकि ने उठाया था। इसी दौरान बबली ने बताया कि सरकार ने सफाई कर्मचारियों के 7300 से अधिक नये पद सृजित किए हैं। वाल्मीकि ने कहा कि पूर्व की हुड्डा सरकार के समय ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। उन्होंने कहा कि हुड्डा राज में 2014 से पहले जिस तरह से कर्मचारियों को नियमित किया था, उसी तर्ज पर अब ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का किया जाए।

इस पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सवाल दागते हुए कहा कि यह बताएं कि कितने कर्मचारियों को पक्का किया गया था। इतना ही नहीं, दुष्यंत ने गेस्ट टीचर्स की मौजूदा स्थिति के लिए भी हुड्डा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। देवेंद्र बबली ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आबादी के नये मानदंड तय किए हैं। पहले 2000 तक की आबादी पर एक, दो से पांच हजार तक की आबादी पर दो, 5 से 10 हजार पर 4 और 10 हजार से अधिक आबादी पर पांच सफाई कर्मचारी लगाए जाते थे। अब सरकार ने तय किया है कि एक हजार पर एक, दो हजार पर दो, तीन हजार पर तीन, चार हजार पर चार तथा पांच हजार की आबादी पर पांच सफाई कर्मचारी नियुक्त होंगे। इसी तरह पांच से दस हजार की आबादी पर छह, 10 से 20 हजार की आबादी पर आठ और 20 हजार से अधिक आबादी होने पर दस सफाई कर्मचारी रखे जाएंगे। वर्तमान में 11 हजार 254 सफाई कर्मचारी हैं। सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर 18 हजार 580 किया है। इतना ही नहीं, कांग्रेस राज में सफाई कर्मचारियों को 3525 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलता था। वर्तमान सरकार ने पहले 11 और फिर चौदह हजार किया। वर्तमान में इसे बढ़ाकर पंद्रह हजार रुपये मासिक किया है।

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को सालाना मिलने वाले वर्दी भत्ते को ढाई हजार से बढ़ाकर चार हजार रुपये किया है। कर्मचारियों को ईएसआई और ईपीएफ सुविधा की शुरूआत मौजूदा सरकार ने शुरू की है। वार्षिक औजार भत्ता के तौर पर दो हजार रुपये दिए जा रहे हैं। सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करके पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा दी है। साथ ही, ‘दयालु’ योजना के तहत उनका इंश्योरेंस भी करवाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

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