चार साल में 24 महिला खिलाड़ी हुईं यौन शोषण का शिकार, अभय ने किया सदन से वाकआउट
अभय चौटाला ने महिला कोच के मुद्दे पर हंगामा कर किया वाकआउट
चंडीगढ़, 18 दिसंबर (हि.स.)। विधानसभा में इनेलो विधायक अभय चौटाला ने सोमवार को प्रदेश की महिला खिलाडिय़ों व कोच के साथ हुई यौन शोषण की घटनाओं का मुद्दा उठाया। पिछले चार वर्षों में महिला खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण की 24 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अभय चौटाला के निशाने पर राज्यमंत्री संदीप सिंह रहे। संदीप सिंह मामले में संतोषजनक जवाब न मिलने पर अभय चौटाला ने सदन से वाकआउट किया।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक अभय चौटाला ने सरकार से पूछा कि वर्ष 2019 से लेकर अब तक हरियाणा में कितनी महिला खिलाड़ी व कोच यौन शोषण का शिकार हुई हैं। अभय चौटाला ने इस मामले में सरकार की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी। इसके जवाब में गृहमंत्री अनिल विज ने सदन को बताया कि वर्ष 2019 में पांच, 2020 में दो, 2021 में छह, 2022 में तीन तथा वर्ष 2023 में अब तक आठ महिला खिलाड़ी अथवा कोच यौन शोषण का शिकार हो चुकी हैं। गृहमंत्री ने बताया कि इस अवधि के दौरान पुलिस थानों में कुल 24 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 17 केस अदालतों में विचाराधीन हैं। छह मामलों में कोई सबूत नहीं मिले हैं।
इसके अलावा चार केसों में आरोप साबित नहीं होने पर आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया गया है। इनमें सर्वाधिक छह मामले हिसार में दर्ज किए गए हैं। इस अवधि के दौरान प्रदेश के दस जिलों में शिकायतें दर्ज की गई हैं।
सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक कैथल व सिरसा में तीन-तीन, कुरूक्षेत्र, भिवानी, रोहतक, सोनीपत व जींद में दो-दो, गुरुग्राम, पानीपत में एक-एक मामला दर्ज किया गया है। गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस मामले में आईपीएस अधिकारी ममता सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी की रिपोर्ट को चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी को भेज दिया गया है। सरकार की जारी रिपोर्ट में संदीप सिंह के केस का उल्लेख नहीं था, जिस पर अभय चौटाला भडक़ गए। उन्होंने कहा कि महिला का उत्पीडऩ करने वाला आज भी इस सदन का मंत्री है।
अभय चौटाला ने कहा कि सदन में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार यौन उत्पीडऩ के केसों में पुलिस व सरकार ने तवरित कार्रवाई की है लेकिन संदीप सिंह केस में शिकायत दर्ज करवाने वाली महिला कोच को सुरक्षा प्रदान करने की बजाए नौकरी से निकाल दिया गया है। इस मुद्दे पर काफी हंगामे के बीच अभय चौटाला ने कहा कि पीडि़ता व आरोपी दोनों ही हरियाणा के हैं। एक हरियाणा सरकार की अधिकारी है तो दूसरा मंत्री है। सरकार ऐसे आरोपियों को खुलेआम बचाने का काम कर रही है। सदन में काफी हंगामा के बाद अभय चौटाला ने सरकार की रिपोर्ट पर असंतुष्ट होकर सदन से वाकआउट कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील
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