हरियाणा विधानसभा में वंदे मातरम् पर सियासी संग्राम

WhatsApp Channel Join Now


-कांग्रेस के दस विधायक नेम, मार्शलाें के साथ धक्का-मुक्की

चंडीगढ़, 19 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार काे राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम पर सियासी संग्राम हो गया। हंगामा इतना बढ़ा कि स्पीकर ने कांग्रेस के दस विधायकों को नेम कर दिया और मर्शल बुलाकर उन्हें सदन से बाहर भेजा। विवाद की शुरुआत कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला के भाषण से हुई। उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ की हर पंक्ति को पर्यावरणीय संकट से जोड़ते हुए सवाल खड़े किए। ‘सुजलाम् सुफलाम्’ का हवाला देकर उन्होंने दूषित पानी, लेड, यूरेनियम, फ्लोराइड और टॉक्सिक केमिकल्स का जिक्र किया।

‘श्यामलाम्’ के संदर्भ में अरावली पहाड़ियों के डी-क्लासिफिकेशन, अवैध खनन और जंगलों की कटाई पर तीखा प्रहार किया। ‘मलयज शीतलाम्’ पर बोलते हुए चंडीगढ़ का एक्यूआई 340 बताकर हवा को ‘गैस चैंबर’ करार दिया। सुरजेवाला ने भावुक लहजे में कहा – ‘जिस मां के दूध को जहर बना दिया, उसे प्रणाम करने का नैतिक अधिकार किसे है। आदित्य के भाषण पर परिवहन मंत्री अनिल विज ने कड़ी आपत्ति जताई। बहस तीखी हुई, आदित्य को बीच में भाषण रोकना पड़ा। उस वक्त मुख्यमंत्री नायब सैनी, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और अन्य मंत्रियों के बीच हल्की नोक-झोंक के बाद मामला शांत हुआ।

शून्यकाल के बाद विधायक घनश्याम ने ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा का प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने स्वीकार कर लिया। लंच के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चर्चा की शुरूटात की। सीएम ने ‘वंदे मातरम्’ को सबके लिए वंदनीय, युवाओं के लिए प्रेरणादायक बताया और इसके ऐतिहासिक महत्व पर बोलते हुए कहा कि एक दौर में पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी इसकी गूंज से अपनी कुर्सी डोलती नजर आई। इतना सुनते ही कांग्रेस विधायक भड़क उठे। हुड्डा समेत कांग्रेस विधायक वेल में पहुंच गए, नारेबाजी शुरू हो गई और सदन की कार्यवाही ठप होने लगी।

हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने नियमों के उल्लंघन पर कांग्रेस के दस विधायकों को नेम कर दिया। इसके बावजूद विधायक नहीं उठे, तो स्पीकर ने मार्शल बुलाने के निर्देश दिए। संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ने कांग्रेसियों के हंगामे पर कहा कि वंदे मातरम् पर सही और दुरुस्त जानकारी देना सदन का फर्ज है। सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि विरोध हो, लेकिन कोई वेल में न पहुंचे, ऐसे प्रबंध हों। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने तंज कसा – ‘वेल में आना एक फैशन बन चुका है।’

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संसदीय परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि पहले हंगामे पर आधे घंटे के लिए सदन स्थगित किया जाता था। लंबी बहस के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नेम किए गए विधायकों को वापस बुलाया जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी स्पीकर से अनुरोध किया। इसके बाद स्पीकर ने सभी कांग्रेस विधायकों का नेम वापस लेते हुए उन्हें सदन में बुला लिया और कई घंटों बाद सदन में शांति लौटी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

Share this story