पुरातत्व विभाग तलाशेगा जमींदोज अग्रोहा, हरियाणा सरकार ने किया एमओयू

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पुरातत्व विभाग तलाशेगा जमींदोज अग्रोहा, हरियाणा सरकार ने किया एमओयू


अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में स्थापित होगी महाराजा अग्रसेन चेयर

हिसार हवाई अड्डे पर लगेगी महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा

चंडीगढ़, 3 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अग्रोहा में स्थित महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में शोध के लिए महाराजा अग्रसेन के नाम पर चेयर और हिसार हवाई अड्डे पर महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की है। उन्होंने जनता के लिए अग्रोहा व राखीगढ़ी में पुरातन सभ्यता देखने के लिए जल्द ही दिल्ली व चंडीगढ़ से विशेष बसें चलाने का ऐलान किया।

हरियाणा सरकार ने रविवार को हिसार के अग्रोहा में स्थित पुरात्व स्थल को विकसित करने को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हरियाणा पुरातत्व एवं सग्रहालय विभाग के बीच एक एमओयू किया। इस एमओयू पर एएसआई की ओर से महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत और हरियाणा पर्यटन एवं विरासत विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए। इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष एवं अग्रोहा विकास परियोजना के चेयरमैन ज्ञानचन्द गुप्ता और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री एवं अग्रोहा विकास परियोजना के को-चेयरमैन डॉ.कमल गुप्ता भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हिसार हवाई अड्डे पर महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और यह प्रतिमा समाज के सहयोग से निर्मित होगी। हिसार में बनाए गए विश्व के सबसे बड़े हवाई अड्डे का नामकरण महाराजा अग्रसेन के नाम पर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रमाण मिले हैं कि सरस्वती नदी जो आदिबदरी (यमुनानगर) से निकलती है, उसका प्रवाह हरियाणा से ही होकर जाता था। पहाड़ों में उत्खनन होने की वजह से नदी का प्रवाह दूसरी नदियों में चला गया होगा लेकिन सैटेलाइट से ऐसे प्रमाण मिले हैं कि सरस्वती नदी हरियाणा के आदिबदरी से शुरू होकर राजस्थान, गुजरात होते हुए समुद्र में जाती है। इसी नदी के किनारे कई शहर बसे हुए थे, जिनमें से एक अग्रोहा शहर भी था। वह शहर आज दब गया है और यह शहर व्यापार का केन्द्र होता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि फतेहाबाद का कुनाल, भिरढाना, बनावाली तथा हिसार के राखीगढ़ी भी सरस्वती के किनारे बसे स्थल रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराना अग्रोहा दबा हुआ है, जो कि महाराजा अग्रसेन की राजधानी थी। विश्व प्रसिद्ध राखीगढी इस स्थल से मात्र एक घण्टे की दूरी पर स्थित है। अग्रोहा खुद एक किला होने का महत्व रखता है और इसके पास पृथ्वीराज और फिरोजशाह के समय की ऐतिहासिक स्थल भी मिले है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खुदाई के पश्चात यहां एक विशाल संग्रहालय बनाया जाएगा, जो कि पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल होगा। इस मौके पर अग्रोहा विकास परियोजना के चेयरमैन एवं विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि समाज की यह वर्षो से इच्छा थी कि हजारों वर्ष पुराने इस अग्रोहा स्थल और महाराजा अग्रसेन जैसे महापुरूष के बारे में लोग जानकारी प्राप्त कर सकें, इसके लिए कुछ होना चाहिए। आज इस दिशा में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एमओयू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली के हरियाणा भवन में आयोजित एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ और दिल्ली से बसें चलाये जाने की शुरूआत की। कोई भी व्यक्ति निश्चित शुल्क अदा कर विशेष बस से इन ऐतिहासिक स्थलों पर जा सकता है। बस चंडीगढ़ के सेक्टर-17 बस स्टैंड व दिल्ली के अंतर्राज्यीय बस अड्डा कश्मीरी गेट से रवाना होंगी। ये बसें पूरे दिन के टूर के अंर्तगत पहले राखीगढ़ी में पुरातत्व से संबंधित संग्रहालय स्थल पर पहुंचेगी और इसके बाद अग्रोहा धाम जाएगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए 9896981775 से प्राप्त की जा सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

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