हरियाणा विधानसभा में आठ विधेयक सर्वसम्मति से पारित

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चंडीगढ़, 22 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को आठ महत्वपूर्ण विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए गए। इनमें हरियाणा विनियोग (संख्या 4) विधेयक 2025, हरियाणा तकनीकी शिक्षा अतिथि संकाय (सेवा की सुनिश्चिता) संशोधन विधेयक 2025, हरियाणा आवास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2025, हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 और हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निहितीकरण, अभिलेखन और समाधान) विधेयक 2025 सर्वसम्मति से पास हुए हैं।

इनके अलावा, हरियाणा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2025, हरियाणा अनुसूचित सड़क और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बंधन (संशोधन) विधेयक 2025 और हरियाणा जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक 2025 भी सर्वसम्मति से पास हुआ है।

सराकर ने विधानसभा में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2006 को संशोधित करने के लिए हरियाणा निजी विश्वविद्यालय, (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया। अब राज्य सरकार 26 निजी विश्वविद्यालयों में प्रशासक नियुक्त कर सकेगी और कोई भी विश्वविद्यालय अपनी मनमानी नहीं कर सकेगा। राज्य के युवाओं को उच्चतर शिक्षा में बेहतर अवसर प्रदान करने हेतु जिला गुरुग्राम में ‘‘डिजाइन, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय’’ स्थापित करने का प्रस्ताव भी इस कानून में निहित है।

हरियाणा तकनीकी शिक्षा अतिथि संकाय (सेवा की सुनिश्चितता) अधिनियम 2024 को संशोधित करने के लिए हरियाणा तकनीकी शिक्षा अतिथि संकाय (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक 2025 पारित किया गया। इस विधेयक के माध्यम से अब एक वर्ष की सेवा के दौरान 240 कार्य दिवसों की गणना कैलेंडर वर्ष की बजाय किसी भी एक वर्ष की अवधि के आधार पर करने का प्रविधान किया गया है। हरियाणा आवासन बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2025 के अंतर्गत आवास बोर्ड को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में विलय कर दिया गया है।

हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निहितीकरण, अभिलेखन और समाधान) विधेयक 2025 में आबादी देह के विकास का प्रविधान किया गया है, जिससे यथासंभव गांव की विरासत का संरक्षण किया जा सकेगा, गांवों में नागरिक सुविधाओं एवं पर्यावरण का प्रविधान व उन्नयन होगा, ताकि नियोजित शहरी विकास के साथ एकीकृत किया जा सके।

हरियाणा दुकान तथा वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2025 के अंतर्गत बड़े प्रतिष्ठानों में श्रमिकों की बेहतर सुरक्षा और छोटे प्रतिष्ठानों के लिए सरल अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। उद्योगों में दैनिक कार्य घंटे नौ से बढ़ाकर 10 घंटे किए जाने का प्रस्ताव है, जबकि साप्ताहिक कुल सीमा 48 घंटे बनी रहेगी। त्रैमासिक ओवरटाइम की अधिकतम सीमा 50 घंटे से बढ़ाकर 156 घंटे करने का प्रस्ताव है।

हरियाणा अनुसूचित सड़क तथा नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बंधन (संशोधन) विधेयक 2025 के अंतर्गत ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’’ सुधारों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में नियामक ढांचे का सरलीकरण एवं प्रक्रियात्मक विलंब को कम करना है। इस पहल के अंतर्गत 23 प्राथमिक सुधार क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें से आ नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग हरियाणा से संबंधित हैं। इन सुधारों में भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति प्रक्रिया का सरलीकरण, डिजिटलीकरण एवं संचालन शामिल है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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