शहरों में कृषि भूमि पर एनडीसी की जरूरत नहीं, अब सीधी होंगी रजिस्ट्री
निकाय क्षेत्रों में खाली प्लाटों को बेचने का भी रास्ता हुआ साफ
लाल डोरा से बाहर भू-मालिकों को देना होगा स्वयं सत्यापित शपथपत्र
चंडीगढ़, 13 जून (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों को बड़ी सौगात दी है। शहरों में कृषि भूमि को एनडीसी (नो-ड्यूज सर्टिफिकेट) के दायर बाहर किया गया है, साथ ही निकायों में खाली पड़े प्लाटों को बेचने का रास्ता भी साफ हो गया है।
शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा गुरुवार को हरियाणा सिविल सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर छूट देने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने प्लाटों को भूखंडों में बेचने की सौगात भी शहरवासियों को दी। वहीं 741 अवैध कालोनियों को भी नियमित करने का ऐलान किया। यही नहीं प्रापर्टी आईडी से संबंधित समस्याओं का एक सप्ताह के भीतर निवारण करने का भी दावा किया।
शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि शहरों में कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त में अब एनडीसी की आवश्यकता नहीं होगी, यानी भू-मालिकों को विकास शुल्क और प्रापर्टी टैक्स नहीं देना होगा। इससे 2.52 लाख सपंत्तियां एनडीसी के दायरे से बाहर होंगी। शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने पिछले समय से शहरों में प्लाटों की बंद रजिस्ट्री को चालू करने का भी ऐलान किया। अब खालली प्लाटों को बेचने का रास्ता साफ हो गया है। इससे 4.30 लाख संपत्तियों को लाभ मिलेगा। यही नहीं सुभाष सुधा ने शहरी क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या लाल डोरा संपत्ति का भी हल निकाला है। अब लाल डोरा भू-मालिक को स्वयं सत्यापित शपथ पत्र देना होगा, जिससे उन्हें संपत्ति बेचने का अधिकार मिल जाएगा, इस तरह की 6,85,000 संपत्तियों को लाभ मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील
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