स्वास्थ्य मंत्री ने रेशनलाइजेशन से इनकार किया
-प्रदेश में 1225 लोगों के लिए एक डाक्टर उपलब्ध
चंडीगढ़, 19 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा में इस समय 1225 लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए एक डाक्टर उपलब्ध है। यह जानकारी हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने शुक्रवार को मुलाना की विधायक पूजा की ओर से उठाए गए सवाल के जवाब में दी। इसके बावजूद सरकार ने साफ किया है कि स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों की उपलब्धता का दायरा बढ़ाने के लिए रेशनेलाइजेशन नहीं करवाई जाएगी।
विधायक पूजा ने सदन में हरियाणा की जनसंख्या के आधार पर डाक्टरों की उपलब्धता का मुद्दा उठाया। हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया क वर्ष 2018 में लोकसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार यह अनुपात एक हजार जनसंख्या पर एक डाक्टर का है। सिर्फ एलोपैथिक डॉक्टरों को ध्यान में रखें तो हरियाणा मेडिकल काउंसिल के 16 दिसंबर 2025 के डेटा के अनुसार हरियाणा में 1225 की आबादी पर एक डाक्टर है। आरती राव ने कहा कि हरियाणा की संबंधित काउंसिल में रजिस्टर्ड आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी डाक्टरों को शामिल करने के बाद अब हरियाणा में 819 की आबादी पर एक डाक्टर उपलब्ध है। सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट विधायक पूजा ने प्रदेश की जनसंख्या तथा डाक्टरों की उपलब्धता को संतुलित करने के लिए रेशनेलाइजेशन करवाने की मांग उठाई। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेशनेलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने जानकारी दी कि नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 और इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार, सरकारी सेक्टर यानी हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन मिलाकर हर 1000 आबादी पर एक हॉस्पिटल बेड होना चाहिए और ईएसआईसी और प्राइवेट हॉस्पिटल समेत सरकारी हेल्थ सुविधाओं में हर 1000 आबादी पर 2 बेड होने चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2014 में जिला नागरिक अस्पताल तथा उपमंडल अस्पताल केवल 56 थे जबकि अब बढक़र 74 हो चुके हैं इसी प्रकार सीएचसी की संख्या वर्ष 2014 में 109 थी जो कि अब बढ़ कर 122 हो चुकी हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

