आपात स्थिति से निपटने को वालंटियर पंजीकरण करेगा हरियाणा

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ की बैठक
चंडीगढ़, 10 मई (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनता को डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है, प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। सरकार के साथ जनभागीदारी को जोड़ें, ताकि वे सेवाभाव से सरकार का सहयोग कर सके। इसके लिए एक विशेष पोर्टल विकसित किया जाए, जिस पर नागरिक और भूतपूर्व सैनिक वॉलिंटियर्स के तौर पर अपना पंजीकरण करवा सकें। आपात स्थिति में यह वालंटियर अपने कौशल के अनुसार जैसे, ड्राइवर, डॉक्टर या अन्य विशेषज्ञता के अनुसार अपनी सेवाएं दे सकें।
मुख्यमंत्री वर्तमान हालातों के मद्देनजर शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों सहित प्रशासनिक सचिवों के साथ अहम बैठक कर प्रदेश में नागरिक सुरक्षा अभ्यास की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सभी जिलों में आपात स्थिति में संपर्क करने हेतु व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएं और एक जिम्मेदारी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए । अधिकारी का नंबर भी साझा किया जाए, ताकि नागरिक आपात स्थिति में उन नंबरों पर कॉल या मैसेज करके जानकारी दे सकें। इसके अलावा प्रदेशभर में संचालित 560 सरकारी और 600 निजी एंबुलेंस की भी मैपिंग की जाए ताकि वे जल्द से जल्द समय में घटनास्थल पर पहुंच सकें। साथ ही पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में पंचायतों के सहयोग से एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट के दौरान पुलिस गश्त जारी रहे और सार्वजनिक स्थलों व आवासीय क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति बनी रहे, जिससे जनता के बीच विश्वास बना रहे और लोग अनावश्यक रूप से घबराएं नहीं।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सभी उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फील्ड कार्यालयों को भारत सरकार की एडवाइजरी की तर्ज पर दिशा-निर्देश जारी करें। शांति-व्यवस्था बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उपायुक्त आवश्यक वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करें। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने कहा कि उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक संयुक्त रूप से बैठक कर जिले में स्थिति की समीक्षा करें और आपदा प्रबंधन अधिनियम के नियमों और जिले की आपदा कार्य योजना को सावधानीपूर्वक लागू करें। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि जिला कंट्रोल रूम को अंतर-एजेंसी समन्वय प्रोटोकॉल और चेतावनी सायरन के प्रावधानों के साथ 24 घंटे एक्टिव रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा