हरियाणा : राज्य में पराली जलाने पर अब तक 939 चालान व 25 लाख का जुर्माना

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हरियाणा : राज्य में पराली जलाने पर अब तक 939 चालान व 25 लाख का जुर्माना


प्रदेश में 38 फीसदी कम हुई घटनाएं: मुख्य सचिव

एनसीआर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने की बैठक

चंडीगढ़, 3 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार वायु गुणवत्ता सूचकांक को लेकर अत्यधिक सतर्क है और धान की पराली जलाने के मामलों में और कमी लाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में वर्ष 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 38 फीसदी की कमी आई। वर्ष 2022 में राज्य में पराली जलाने के 2,083 मामले दर्ज किए गए, अब वर्ष 2023 में घटकर 1,296 मामले रह गए। वर्ष 2021 की तुलना में 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 57 प्रतिशत की कमी आई है।

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने यह जानकारी एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष डॉ. एमएम कुट्टी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एक वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान दी। बैठक में सभी उपायुक्तों ने वर्चुअली भाग लिया।

डॉ. कुट्टी ने पिछले वर्ष की तुलना में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी हासिल करने के लिए करनाल और कैथल के उपायुक्तों की सराहना की। उन्होंने कहा कि खेतों में पराली जलाने को नियंत्रित करने में हरियाणा ने बेहतर कार्य किया है, लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के लिए आगामी त्योहारी सीजन के दौरान कड़ी निगरानी और कड़े उपायों करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए ‘हरियाणा एक्स-सीटू मैनेजमेंट ऑफ पैडी स्ट्रॉ-2023’ योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य बायोमास आधारित परियोजनाओं के लिए धान के भूसे की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

बैठक के दौरान कौशल ने बताया कि सरकार खेतों में लगने वाली आग को रोकने के लिए सख्त निगरानी और बदलाव के उपाय कर रही है। हरसेक द्वारा जलने की घटनाओं की सही समय पर रिपोर्टिंग और जिला, ब्लॉक-स्तरीय प्रवर्तन टीमों और उड़नदस्तों की तैनाती की गई है। अब तक 939 चालान किए गए हैं और 25.12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। खेतों में आग के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही दोषी अधिकारियों को निलंबित करने का भी कार्य किया गया है।

उन्होंने बताया कि किसानों के लिए 19 हजार 141 मशीनों की पहले ही स्वीकृत दी जा चुकी है, जिसमें से 7572 मशीनें दे दी गई हैं। किसानों की 940 लाख एकड़ क्षेत्र पंजीकृत भूमि के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 90.40 करोड़ की राशि प्रोत्साहन स्वरूप निर्धारित की गई है। यह समग्र दृष्टिकोण वैकल्पिक फसल व्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

बैठक में पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एके सिंह, निदेशक कृषि नरहरि सिंह बांगड, निदेशक पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन प्रदीप कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

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