हरियाणा में जल्द मिलेंगी पचास हजार नौकरियां: नायब सैनी

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हरियाणा में जल्द मिलेंगी पचास हजार नौकरियां: नायब सैनी


राज्य सरकार युवाओं को दे रही है पूरा मान-सम्मान

कांग्रेस पर सामाजिक-आर्थिक मानदंडों पर झूठी बयानबाजी से जनता को गुमराह करने का आरोप

चंडीगढ़, 8 जून (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने आज राज्य के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि शीघ्र ही विभिन्न श्रेणियों में 50,000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा, युवाओं को ग्रुप-डी की नौकरियां भी दी जाएंगी। मुख्यमंत्री की यह घोषणा हरियाणा में रोजगार के अवसर प्रदान करने और युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।

नायब सिंह हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के नए चेयरमैन हिम्मत सिंह से आज चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में शपथ दिलवाने के उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की प्रणाली को जारी रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार युवाओं को पूरा मान-सम्मान दे रही है और जल्द ही सरकार 50,000 नए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने जा रही है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी भेदभाव के पूरी तरह से योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं और यह पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह गर्व की बात है कि युवाओं का सरकार की कार्यप्रणाली में विश्वास बढ़ा है, क्योंकि वे बिना किसी ‘खर्ची-पर्ची’ (रिश्वत और पक्षपात) के सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जो पिछली सरकारों में चलती थी।’’ ग्रुप सी और ग्रुप डी श्रेणी के पदों के लिए सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत अतिरिक्त 5 अंक देने पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के हाल ही में दिये गए निर्णय के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय की पहली पीठ ने गरीब परिवारों के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस मानदंड को सही ठहराया था। हालांकि, अगली पीठ का दृष्टिकोण अलग हो सकता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम जल्द ही इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में पेश करेंगे और युवाओं को न्याय सुनिश्चित करने के लिए इसकी पुरजोर वकालत करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक मानदंड गरीब परिवारों के सदस्यों को अवसर प्रदान करने के लिए अपनाए गए थे, जिनके पास कोई सरकारी नौकरी नहीं थी। उन्होंने ऐसे परिवारों की उपेक्षा करने के लिए वर्ष 2014 से पहले की सरकारों की आलोचना की।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/दधिबल

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