नैतिकता में संवेदनशीलता की भूमिका सबसे ज्यादा: मनोहर लाल
चंडीगढ़, 31 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि नैतिकता का सबसे बड़ा गुण संवेदनशीलता भी है इसीलिए हम सभी को समाज के अभावग्रस्त और पीड़ित लोगों के प्रति संवेदनशीलता रखते हुए काम करना होगा। इससे हम स्वयं को एक आदर्श के रूप में स्थापित कर सकें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में हिपा द्वारा प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित नैतिकता शिविर को बतौर मुख्यातिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिपा द्वारा आयोजित इस मिशन कर्मयोगी हरियाणा अभियान के तहत अभी तक प्रदेश के करीब दो लाख कर्मचारी लाभान्वित हो चुके हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिकारी और कर्मचारियों के दृष्टिकोण को सही दिशा में ले जाना है ताकि हरियाणा प्रदेश को भी विकास की सही दिशा में ले जाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी सोच और दृष्टिकोण को बदलकर ही नैतिकता के रास्ते पर चला जा सकता है। भ्रष्टाचार और अनैतिकता इसमें सबसे बड़ी रुकावट है। हमें स्वयं को अगर आदर्श के रूप में स्थापित करना है तो सोच और दृष्टिकोण बदलकर दूसरों को भी बदलना होगा।
उन्होंने मिशन कर्मयोगी अभियान के लिए हिपा की प्रशंसा करते हुए कहा कि आगामी 31 मार्च तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अभियान के तहत नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। यही नहीं 2 साल में पुन इसका दूसरा चरण भी रखा जाएगा क्योंकि इससे शिद्दता और स्वच्छता आएगी और जब वातावरण में शुद्धता आती है तो वातावरण ठीक हो जाता है। इसी तरह हमें अपने विचारों को भी ठीक करना है ताकि फील्ड में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी शिद्दता और शुद्धता के साथ जनसेवा के लिए कार्य करें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सोच और दृष्टिकोण में परिवर्तन आने से अच्छे कार्य होते हैं और यही कार्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्तियों में हमने किया । मिशन मेरिट के तहत अधिकारी और कर्मचारियों की भर्ती की गई, जिसका कई बार विरोध भी झेलना पड़ा लेकिन उसके परिणाम सबके सामने हैं कि योग्य और पात्र युवा ही सरकारी नौकरियों में आ रहे हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 40 एवी बूस्टर नामक प्रेरक वचन का भी शुभारंभ किया। यह प्रेरक वचन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ स्वामी ज्ञानानंद महाराज व अन्य विद्वानों के प्रेरक वचन होंगे जो प्रदेश के सभी कर्मचारियों तक पहुंचाए जाएंगे।
गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल गीता को अपनी प्रेरणा मानते हैं और गीता का व्यावहारिक ज्ञान भी यही है कि हमारे आचरण में वह बातें सिद्ध हो जो हम गीता से सीख कर अपने दैनिक जीवन में उतारते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान की पूर्णता तभी प्रकट होती है जब संघर्ष सामने हो।
कार्यक्रम में हिपा की महानिदेशक चंद्रलेखा मुखर्जी ने हिपा की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित स्वामी ज्ञानानंद व अन्य सभी का स्वागत अभिनंदन किया।
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/वीरेन्द्र
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