प्रदेश के सभी जिलों में बनेंगे वरिष्ठ सेवा आश्रम, मुख्यमंत्री ने मंजूर किए सौ करोड़ रुपये

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प्रदेश के सभी जिलों में बनेंगे वरिष्ठ सेवा आश्रम, मुख्यमंत्री ने मंजूर किए सौ करोड़ रुपये


-मुख्यमंत्री ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता न लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों से किया संवाद

चंडीगढ़, 25 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को प्रदेश के उन वरिष्ठ नागरिकों से बात की जिन्होंने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का पात्र होते हुए भी उसे लेने से इनकार कर दिया। इस पैसे का उपयोग दूसरों के कल्याण के लिया किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को करनाल से सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता न लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि एक जनवरी 2024 से बढ़ाकर 3 हजार रुपये करने की घोषणा की हुई है।

उन्होंने इस दौरान घोषणा करते हुए कहा कि 60 साल की आयु के पात्र वरिष्ठ नागरिकों ने सहमति से पेंशन लेने से मना किया, उनकी 40 हजार संख्या है। इस नाते से वर्ष का लगभग 100 करोड़ रुपये बनता है। सेवा के भाव से इस बची हुई राशि को 22 जिलों में बनने वाले वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सेवा आश्रमों में 100 करोड़ रुपये की राशि का बजट सेंक्शन किया जाता है, ताकि उनके भवन बन सकें और देखभाल के लिए व्यवस्था हो सकें।

40 हजार पात्र वरिष्ठ नागरिकों ने पेंशन लेने से किया मना

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता न लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों से कहा कि वृद्धावस्था पेंशन को परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रो-एक्टिव मोड में करने के बाद 60 साल की आयु के पात्र लोगों से उनकी पेंशन शुरू करने के लिए सहमति देने बारे सम्पर्क किया गया तो अब तक 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने यह पेंशन लेने से मना कर दिया है। जो सेवा एवं त्याग की भावना को दर्शाता है। उन्होंने संवाद करते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में प्रतिमास 2,750 रुपये की दर से प्रतिमाह पेंशन दी जाती है, जिनकी आयु 60 वर्ष अधिक हो जाती है और वार्षिक आय तीन लाख से कम होती है।

प्रहरी योजना से दी बुजुर्गों को सुरक्षा

मनोहर लाल ने संवाद के दौरान कहा कि बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए इस वित्त वर्ष के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ‘प्रहरी‘ योजना शुरू करने की घोषणा की थी। परिवार पहचान पत्र के डेटा से पता चला है कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के 3 लाख 30 हजार बुजुर्ग हैं। इनमें से 3600 बुजुर्ग तो ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। ‘प्रहरी‘ योजना में इन बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। सरकार अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल ‘वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम‘ योजना के तहत सेवा आश्रमों में करेंगे। रेवाड़ी में एक ऐसा आश्रम खोला जा चुका है और एक अन्य करनाल में निर्माणाधीन है। 14 जिलों में इनके लिए भूमि की पहचान कर ली गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/वीरेन्द्र

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