पराली जलाने पर अंकुश लगाने के हरियाणा सरकार के प्रयासों पर 'सुप्रीम मुहर'
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा का जिक्र करते हुए पंजाब को दी नसीहत
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से हुआ साफ, पराली जलाने का दोषी कौन: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने जारी की तीन साल की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 21 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार के प्रयासों पर मुहर लगाने वानी सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का स्वागत किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पराली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहन देने के तरीके के लिए पंजाब को हरियाणा से सीख लेनी की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी से पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि वास्तव में पराली के मामले में दोषी कौन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लिया है और किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता पाई है। मनोहर लाल ने कहा कि प्रदूषण एक ऐसा मुद्दा है, जो स्वास्थ्य से संबंधित है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। पिछले दिनों प्रदूषण के कारण ऐसे हालात हो गए कि कुछ स्थानों पर स्कूल बंद करने पड़े। इसलिए फिर से ऐसे हालात पैदा ना हो इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पराली जलाने पर अंकुश लगाने और आग की घटनाओं को सक्रिय रूप से कम करने के सरकार के अथक प्रयासों से पिछले वर्षों की तुलना में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में हरियाणा में पराली जलाने की 5993 घटनाएं सामने आईं, जबकि वर्ष 2022 में यह घटकर 3233 हो गईं। वहीं वर्ष 2023 में पराली जलाने की घटनाएं घटकर 1986 हो गईं। इस तरह वर्ष 2022 से 2023 के बीच हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी आई है। हरियाणा की तुलना में पंजाब में वर्ष 2023 में पराली जलाने की 31932 घटनाएं सामने आई हैं, जो कि हरियाणा से कहीं अधिक है और दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण का मुख्य कारण है।
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में लगातार घट रही पराली जलाने की घटनाओं से साबित होता है कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार ने किसानों को जागरूक करने के प्रयास धरातल पर सफल साबित हुए हैं। राज्य सरकार पराली के जीरो-बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। पराली न जलाने को लेकर हरियाणा सरकार न केवल जागरूकता अभियान चला रही है बल्कि हरियाणा सरकार द्वारा पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान भी किया है। इसके अलावा कृषि विभाग किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें व उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील
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