पिछड़ा वर्ग-बी को स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण देने की तैयारी

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पिछड़ा वर्ग-बी को स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण देने की तैयारी


- हरियाणा पिछड़ा आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी अनुपूरक रिपोर्ट

- पिछड़ा वर्ग के लिए वेंचर कैपिटल फंड बनाने की भी हुई शुरुआत

चंडीगढ़, 1 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पिछड़ा वर्ग के अधिकार सुरक्षित किए हैं। क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की है। इसी प्रकार हरियाणा में भी सरकार पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनके अधिकार दे रही है।

मुख्यमंत्री गुरुवार को हरियाणा पिछड़ा आयोग के चेयरमैन न्यायाधीश (सेवानिवृत) दर्शन सिंह द्वारा हरियाणा के शहरी स्थानीय निकायों/नगर पालिकाओं और पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-बी के लिए आरक्षण के अनुपात पर अनुपूरक रिपोर्ट देने उपरांत उनसे बातचीत कर रहे थे।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि सरकार पिछड़ा वर्ग-बी का हक मार रही है जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने कभी पिछड़ा वर्ग आयोग पर गंभीरता से काम नहीं किया। कांग्रेस ने पिछड़ा आयोग पर गठित काका कालेलकर आयोग का विरोध किया था। इतना ही नहीं, राजीव गांधी ने तो मंडल आयोग की रिपोर्ट का भी विरोध किया था।

उन्होंने कहा कि पहली बार वेंचर कैपिटल फंड बनाने की भी शुरुआत की है। हरियाणा में भी राज्य सरकार द्वारा स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग-ए के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। पिछड़ा वर्ग-बी के लिए यह अतिरिक्त प्रावधान होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्याम लाल जांगड़ा और सदस्य सचिव विवेक पदम सिंह भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा / दधिबल यादव

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