हिसार: तीज का त्यौहार हमारी समृद्ध लोक परंपराओं का प्रतीक : डॉ. वंदना बिश्नोई
हिसार, 7 अगस्त (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई ने कहा है कि तीज का त्यौहार हमारी समृद्ध लोक परंपराओं का प्रतीक है।सावन के महीने को प्रकृति की सौंदर्यता के तौर पर देखा जाता है।
डॉ. वंदना बिश्नोई बुधवार काे विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल कॉम्पलैक्स में हरियाली तीज महोत्सव का शुभारंभ करने के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथों में स्त्री को भी प्रकृति के समतुल्य ही माना गया है। प्रकृति की हरियाली की तरह स्त्रियों से भी जीवन में खुशी और स्फूर्ति बनी रहती है। हरा रंग, खुशहाली, समृद्धि, उत्कर्ष, प्रेम, दया, पावनता, पारदर्शिता का प्रतीक है। इस अवसर पर गर्ल्स हॉस्टल में मेंहदी, रंगोली, मटकी को सजावट , लिपन कला, जैसी कई प्रतियोगिताएं करवाई गईं ।
हॉस्टल चीफ वार्डन प्रो. सुजाता सांघी ने बताया की सुहागिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां, परिधान अपने पति की खुशहाली, तरक्की, दीर्घायु और सेहतमंद जीवन के लिए पहनती हैं। मान्यता है कि हरा रंग पति-पत्नी के विश्वास को बढ़ाता है व इस माह में ये रंग पहनने से शिव-पार्वती की कृपा बनी रहती है। इसलिए तो हरियाली तीज जैसे त्योहारों में हरे रंग के कपड़े व हरी चूड़ियां पहनने की परंपरा है। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / सुमन भारद्वाज / SANJEEV SHARMA
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