फतेहाबाद: सांझे संघर्ष की जीत, यातायात आवागमन के लिए शुरू हुआ हांसपुर चौक अंडरपास

फतेहाबाद: सांझे संघर्ष की जीत, यातायात आवागमन के लिए शुरू हुआ हांसपुर चौक अंडरपास
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फतेहाबाद: सांझे संघर्ष की जीत, यातायात आवागमन के लिए शुरू हुआ हांसपुर चौक अंडरपास


हादसों में जान गंवाने लगे थे लोग, ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों के आंदोलन के बाद सरकार को बनाना पड़ा अंडरपास

फतेहाबाद, 2 जनवरी (हि.स.)। जिला मुख्यालय को सीधे पंजाब से जोडऩे वाले हांसपुर चौक पर अंडरपास से वाहनों के आवागमन आखिरकार शुरू हो गया। हांसपुर चौक संघर्ष समिति ने सामाजिक, धार्मिक व व्यापारिक संगठन पदाधिकारियों के साथ मंगलवार को अंडरपास शुरू होने की खुशी में श्री बालाजी की पूजा अर्चना की, साथ ही ध्वज स्थापना करते हुए प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर समिति प्रधान भूप सिंह सिघड़, नंद लाल मानकटाला, औमप्रकाश एलावादी, हनुमान खिचड़, तरसेम नरूला, पगड़ी संभाल जट्टा संगठन प्रतिनिधि रविन्द्र सिंह व जिन्दगी संस्था अध्यक्ष हरदीप सिंह आदि ने इसे सांझे संघर्ष की जीत करार दिया।

गौरतलब है कि सिरसा से दिल्ली को जाने वाले नेशनल हाईवे के फतेहाबाद हांसपुर चौक का कट बीते कई वर्षों से हादसों का कारण बना हुआ था। इस कट पर हादसों में बड़ी संख्या में लोगों के मौत का ग्रास बनने के कारण इसे खूनी कट तक की संज्ञा दी जाने लगी थी। करीब दो वर्ष पहले फतेहाबाद के वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार भारती और उनकी धर्मपत्नी की इस कट पर सडक़ हादसे में मौत हुई तो रतिया चुंगी के दुकानदारों ने किसान, सामाजिक, धार्मिक संगठनों को अंडरपास बनाए जाने की मांग को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया। हांसपुर चौक संघर्ष समिति बनाकर प्रधान भूप सिंह सिघड़ के नेतृत्व में शांतिप्रिय तरीके से धरना शुरू किया गया। इस लंबे आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप यहां फ्लाईओवर निर्माण का काम आरंभ हुआ। पहले चरण में मंगलवार को हांसपुर चौक का नव निर्मित अंडरपास यातायात आवागमन के लिए शुरू कर दिया गया।

केंद्रीय परिवहन मंत्री तक पहुंची थी बात, फतेहाबाद डीसी तक ने की थी पैरवी

हांसपुर कट पर अंडरपास बनाए जाने के लिए आंदोलन के परिणामस्वरूप ही सांसद सुनीता दुग्गल और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को पुल निर्माण की मांग में आगे आने को मजबूर किया था। इसके बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी के दिल्ली स्थित कार्यालय में भी सांसद व प्रशासनिक अधिकारियों को बैठक करनी पड़ी थी। यहां तत्कालीन जिला उपायुक्त प्रदीप कुमार ने इस पुल निर्माण की मजबूती से पैरवी की थी। जिसके बाद पुल निर्माण का रास्ता साफ हो गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/संजीव

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