हिसार: गुरुकुल शिक्षा प्रणाली संस्कारों की जननी: स्वामी आर्यवेश
लार्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली से नैतिक रूप से सक्षम व्यक्ति तैयार नहीं हो सकते
: स्वामी आदित्यवेश
देश को एक नई दिशा देने वाले पहले दार्शनिक थे स्वामी दयानंद : बनवारी लाल पुनिया
हिसार, 30 दिसंबर (हि.स.)। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, नई दिल्ली के प्रधान व गुरुकुल धीणवास, हिसार के कुलपति स्वामी आर्यवेश ने कहा है कि गुरुकुल शिक्षा प्रणाली संस्कारों की जननी है। उन्होंने कहा कि गुरुकुलों में मानव निर्माण के साथ-साथ संस्कृति को बचाने व ऋषियों की परंपरा को आगे बढ़ाने के कार्य भी किये जा रहे हैं। स्वामी आर्यवेश गुरुकुल धीरणवास में 51वें वार्षिकोत्सव में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह यज्ञ से हुआ। इस यज्ञ के ब्रह्मा वैदिक विद्वान आचार्य देवदत्त शास्त्री जी रहे।
गुरुकुल धीरणवास के अध्यक्ष स्वामी आदित्यवेश ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाए क्योंकि लार्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली से हम नैतिक रूप से सक्षम व्यक्ति तैयार नही कर सकते। राष्ट्रवादी युवाओं का निर्माण एवं मातृ-पितृ सेवाभावी बच्चे गुरुकुलों से ही तैयार होना संभवन है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं पूनिया कंस्ट्रक्शन के मालिक बनवारी लाल पूनिया ने कहा कि स्वामी दयानंद ने सबसे पहले आर्य शिक्षा की ओर देश का ध्यान खींचा। वो पहले दार्शनिक थे जिन्होंने देश को एक नई दिशा दी। उन्होंने अपनी ओर से गुरुकुल में विद्यार्थियों के लिए एक हॉस्टल बनाने का आश्वासन दिया। मुख्य अतिथि रणबीर गंगवा के प्रतिनिधि संजीव गंगवा ने इस अवसर पर कहा कि देश को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को संस्कारित करने की आवश्यकता है क्योंकि युवा ही देश की रीढ़ होते हैं। पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, हरियाणा राज्य गौशाला के अध्यक्ष शमसेर आर्य, पूनिया खाप के प्रधान शमशेर नंबरदार ने भी विचार रखे।
ध्वजारोहण के समय गुरुकुल धीरणवास, कन्या गुरुकुल डोभी, कन्या गुरुकुल पंचगाव, गुरुकुल आर्यनगर व गुरुकुल मताना डिग्गी, फतेहाबाद के ब्रह्मचारियों की उपस्थित में राष्ट्रीय प्रार्थना का सामूहिक उच्चारण भाव विभोर कर देने वाला था। ऋषि दयानंद के जय के नारों से आकाश गुंजायमान हो गया। कार्यक्रम का संचालन सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद हरियाणा के महासचिव अशोक आर्य ने किया ने संभाला। इस अवसर पर सभी सहयोयोगियों तथा अतिथियों का सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर सत्यपाल अग्रवाल, सत्यप्रकाश आर्य, मनीराम गोयल, महेन्द्र सिंह, कृष्ण सैनी, जगदीश आर्य, सूबेसिंह सहित अनेक गुरुकुलो के विद्यार्थी, स्टाफ व आसपास के गांव के ग्रामवासी भारी संख्या में उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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