गुरुग्राम: सफाई कर्मचारियों ने छंटनी, सस्पेंशन, टर्मिनेशन की प्रतियां फूंकी
-शनिवार को 81वें दिन हड़ताल जारी रही
गुरुग्राम, 30 दिसम्बर (हि.स.)। सरकार पर दलित विरोधी नीतियों, तानाशाही, हठ धर्मिता, कर्मचारियों की छंटनी, शो काज नोटिस, सस्पेंशन, टर्मिनेशन का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को 81वें दिन हड़ताल जारी रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों ने बौखलाहट में अपने भ्रष्टाचार व ठेकेदारों से मिलीभगत को छुपाने के लिए मृतक कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का नोटिस जारी किया है, जो कि सरासर गलत है।
हड़ताली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए टर्मिनेशन, सस्पेंशन, शो काज नोटिस आदेश की प्रतियंा अग्रवाल धर्मशाला चौक पर फूंकी। इकाई के कार्यकारी प्रधान कैलाश कुमार संगेलिया, महिला इकाई सब कमेटी की कनवीनर रीना देवी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। संचालन जिला कार्यकर्ता भारत कांगड़ा, ऐड ओक कमेटी के नेता राकेश पीहल ने संयुक्त रूप से किया।
नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रेस सचिव बसंत कुमार, राज्य सह सचिव सुशीला देवी, केंद्रीय कमेटी नेता सोनिया देवी, महिला सब कमेटी की सह कनवीनर अनीता देवी, संघ के वरिष्ठ नेता राम सिंह सारसर ने विरोध प्रदर्शन में कहा कि नगर निगम अधिकारियों ने दो महीने पहले स्वर्गवास हो चुके मृतक कर्मचारी स्वर्गीय पंकज पुत्र जय नारायण, राजपाल यादव पुत्र मंगतू के कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इससे स्पष्ट पता चला है कि नगर निगम के अधिकारियों ने कर्मचारियों की न्यायोचित जायज मांगों को लेकर चल रही हड़ताल को तोडऩे के लिए तानाशाही से काम लिया है। आम जनता व हरियाणा सरकार की आंखों में धूल झोंक कर सरकार की छवि को आम जनता के बीच में खराब करने का कार्य किया जा रहा है। जो ट्रेड यूनियन नियम से गलत है। कर्मचारी नेताओं ने प्रशासन और हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि नगर निगम गुरुग्राम में अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा मिली भगत करके भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है।
नगर निगम गुरुग्राम के खजाने को दोनों हाथों से लूटने से लूटा जा रहा है। अधिकारियों द्वारा हजारों सफाई कर्मचारियों की नाजायज तरीके से मैनपॉवर के ठेकों को वर्कआउट सोर्स ऑपरेशन मेंटेनेंस के ठेके में तब्दील करके छंटनी किए गए कर्मचारियों और उनके परिवारों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिय। यह ट्रेड यूनियन नियम और लोकतंत्र की हत्या है। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए व दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव
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