गुरुग्राम: आयुष्मान मित्रों की ड्यूटी 24 घंटे और मानदेय मात्र 5000 रुपये महीना
-मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर बैठे आयुष्मान मित्र
-कहने को पार्ट टाइम लेकिन काम फुल टाइम लिया जा रहा है
गुरुग्राम, 17 मार्च (हि.स.)। जिस आयुष्मान भारत योजना से सरकार प्रदेश के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात कर रही है, उस योजना का लाभ लोगों को दिलाकर इसे कामयाब करने वाले कच्चे कर्मचारियों को वेतन के नाम पर मात्र 5000 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इसमें बढ़ोतरी के लिए आयुष्मान मित्रों ने यहां सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
वर्ष 2018 में भारत सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लांच की थी। हरियाणा में भी इस योजना को लागू करके लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की शुरुआत की गई। पूरे हरियाणा में 200 आयुष्मान मित्र हैं। गुरुग्राम नागरिक अस्पताल सेक्टर-10 से आयुष्मान मित्र कांता, शिवानी व मधु और सोहना अस्पताल से नितिन गुनावत के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के तहत गुरुग्राम जिला में वे चार ही आयुष्मान मित्र हैं। वे लोगों के कार्ड भी बनाते हैं और मरीजों का उपचार कराने में भी मदद करते हैं। मरीज की जांच से लेकर दाखिल करवाने, उपचार के बाद डिस्चार्ज कराने तक सारी कागजी कार्यवाही करते हैं। आयुष्मान मित्रों के मुताबिक शुरू में आयुष्मान मित्रों की 24 घंटे की ड्यूटी थी, जिसे उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ किया। आयुष्मान मित्रों की शुरुआत में 5000 रुपये महीना मानदेय दिया जाता था। इतनी कम राशि में घर का खर्चा चलाना संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने कई बार अधिकारियों से उचित वेतन दिलवाने की गुहार लगाई। हर बार उन्हें आश्वासन देकर टाला जाता रहा।
आयुष्मान मित्रों ने बताया कि जुलाई 2022 के दिशा-निर्देशों के अनुसार आयुष्मान मित्रों को पार्ट टाइम कर दिया गया है। इसके बावजूद उनसे फुल टाइम काम लिया जा रहा है। यह उनका शोषण है। मात्र 5000 रुपये मासिक मानदेय में आयुष्मान मित्र पिछले पांच साल से काम कर रहे हैं। बीती 6 फरवरी 2023 को सभी जिलों के आयुष्मान मित्र पंचकूला मुख्यालय गए और अपनी मांग उच्चाधिकारियों के समक्ष रखी। अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि फरवरी के अंत तक उन्हें उचित वेतन देने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। आयुष्मान मित्रों ने बताया कि फरवरी बीतने के बाद आधा मार्च बीत गया है, लेकिन उनके वेतन को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। हर दरवाजे से उन्हें निराशा हाथ लगी है। झूठे वायदों के तंग आकर उन्होंने अब अनिश्चितकालीन धरना सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर शुरू किया है। तब तक उनकी यह वेतन विसंगति दूर नहीं की जाएगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर
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