गुरुग्राम के पहले पांच मंजिला मंदिर में हुआ मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह
-भंडारे के साथ रविवार को संपन्न हुआ नौ दिवसीय मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह
-देशभर से पहुंचे संत समाज व साधु संतों ने समाजसेवी मयंक शर्मा को दिया आशीर्वाद
गुरुग्राम, 18 फरवरी (हि.स.)। यहां सेक्टर-43 वजीराबाद के खोखरा जोहड़ हनुमान मंदिर प्रांगण में पांच मंजिला मंदिर बनाया गया है। गुरुग्राम में पांच मंजिल का यह पहला मंदिर बना है। मंदिर प्रांगण में 9 दिन तक चले पाठ-पूजा समारोह के बीच रविवार को मंदिर में मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान विशाल भंडारे में हजारों साधु-संतों, आमजन ने प्रसाद ग्रहण किया। यह मंदिर कुरुक्षेत्र के समाजसेवी मयंक शर्मा द्वारा बनवाया गया है।
मयंक शर्मा के मुताबिक 9 दिन से मंदिर परिसर में 21 ब्राह्मणों द्वारा हवन यज्ञ व अनुष्ठान का कार्य चला। जिसमें ब्राह्मणों द्वारा सवा सवा लाख मंत्रों का जाप किया गया। रविवार को अंतिम दिन बड़ी धूमधाम से हवन-यज्ञ में पूर्णाहुति देते हुए सभी साधु संत समाज ने मयंक शर्मा को आशीर्वाद दिया। इस नेक कार्य के लिए, धर्म स्थापना के लिए उनके प्रयासों को सराहा। यहां पांच मंजिला मंदिर में भगवान श्री गणेश, श्री लक्ष्मी नारायण, माता बगलामुखी, मां सरस्वती और गुरु दत्तात्रेय की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। खास बात यह है कि मंदिर की ऊपरी मंजिलों तक जाने के लिए सीढिय़ों के अलावा लिफ्ट भी लगाई गई है, ताकि दिव्यांगों, बुजुर्गों को किसी तरह की दिक्कत ना आए। समाजसेवी मयंक शर्मा ने इस समारोह में पहुंचे सभी विद्वानों, साधु संत समाज का स्वागत व धन्यवाद किया। इस अवसर पर जूना अखाड़ा से महामंडलेश्वर अपूर्वानंद गिरी जी महाराज ने मयंक शर्मा को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मयंक जैसे युवा ही सनातन धर्म के सच्चे प्रहरी हैं।
राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्मावाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष जंगशेर शर्मा ने कहा कि हम मयंक शर्मा को इस कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हैं। आज हमारे सनातन धर्म के लिए बड़ी सौभाग्य की बात है कि आज के जो युवा हैं, उसे सनातन धर्म को मजबूती दे रहे हैं। समाज में बुराइयों में लिप्त युवाओं के सामने मयंक शर्मा ने एक मिसाल कायम की है। वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेंगे। उन्होंने मयंक शर्मा व उनके माता-पिता, परिवार को इस कार्य के लिए बधाई दी। पूज्य गुरु प्रतिभा नंद जी महाराज महामंडलेश्वर अपूर्वा नंद गिरी जी महाराज, पंडित इंद्रजीत शर्मा, अशोक शर्मा, विमल शर्मा, केशव शर्मा, परमजीत, अरुण धवन, मुकेश यादव, विकास बागड़ी, केशव बागड़ी, हिमानी बरेला, अलंकृता घोष, अदिति वशिष्ठ, गीता पिहोवा, गुरप्रीत, हरप्रीत, लवप्रीत पिहोवा समस्त संगत व सभी साधु संत मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव
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