गुरुग्राम: परिवार में 30 साल बाद हुई बेटी संग ताऊ ने मनाया भैया दूज
-दो महीने की बच्ची मौक्तिका से ताऊ शिवम ने लगवाया तिलक
-परिवार में बेटी जन्म पर है खुशी का माहौल
गुरुग्राम, 15 नवम्बर (हि.स.)। गर्भ में बेटियों को मरवाने वाले या फिर जन्म देने के बाद बेटियों को फेंक देने वाले हमारे समाज में ऐसे परिवारों की भी कमी नहीं जो बेटियों के जन्म पर खुशियां मनाते हैं। ऐसी ही खुशी मनाई गई गुरुग्राम के राणा परिवार में। परिवार में पहली बेटी के जन्म पर खुशी मनाने के साथ बच्ची मौक्तिका से ताऊ शिवम राणा ने भैया दूज पर तिलक कराया।
शहर के सेक्टर-15 पार्ट-1 निवासी यादराम राणा एवं रचना राणा के परिवार में तीन बेटे शिवम राणा, रिषभ राणा व साहिल राणा हैं। कोई बेटी नहीं है। यादराम राणा का निधन हो चुका है। उनके परिवार में अब 30 साल बाद उनके दूसरे नंबर के बेटे रिषभ राणा एवं मनीषा के यहां दो महीने पहले पुत्री का जन्म हुआ है। बेटी के जन्म के बाद से ही परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं है। बेटी का नाम मौक्तिका रखा गया। बड़े लाड-प्यार से बेटी का लालन-पालन किया जा रहा है। बुधवार को भैया दूज का पर्व राणा परिवार में धूमधाम से मनाया गया। ताऊ शिवम राणा ने भाई की दो महीने की बेटी मौक्तिका से तिलक लगवाकर भैया दूज का पर्व मनाया गया।
भले ही मौक्तिका से तिलक लगवाना सांकेतिक हो, लेकिन दिल में बेटी के प्रति जिस गहराई का प्रेम है, उसे मापने का कोई पैमाना नहीं है। पूरा परिवार बेटी को पलकों पर बिठाकर रखता है। बेटियों को सम्मान देने के लिए राणा परिवार उन लोगों के लिए रोल मॉडल है, जो बेटियों को या तो जन्म नहीं देना चाहते। या फिर जन्म देकर उन्हें मार देते हैं। मरने के लिए झाडिय़ों, नालियों में फेंक देते हैं। बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी खेलाओ का संदेश देने वाले हमारे देश-प्रदेश में बेटियों के प्रति ऐसी सकारात्मक सोच वाले परिवारों की बहुत जरूरत है।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव
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