गुरुग्राम: बौद्ध गुरू दलाई लामा का जन्म दिन प्रकृति व समाज सेवा के रूप में मनाया

गुरुग्राम: बौद्ध गुरू दलाई लामा का जन्म दिन प्रकृति व समाज सेवा के रूप में मनाया
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गुरुग्राम: बौद्ध गुरू दलाई लामा का जन्म दिन प्रकृति व समाज सेवा के रूप में मनाया


-पौधारोपण भी किया, बच्चों को पुस्तकें भी वितरित की, फल भी बांटे

गुरुग्राम, 6 जुलाई (हि.स.)। भारत-तिब्बत सहयोग मंच की ओर से शनिवार को तिब्बती बौद्ध गुरू 14वें दलाई लामा का 89वां जन्म दिन प्रकृति व समाज सेवा के रूप में गुरुग्राम समेत पूरे हरियाणा में मनाया। इस दौरान मंच के सदस्यों ने प्रांत अध्यक्ष अमित गोयल के नेतृत्व में सेवा कार्य किए। इस दौरान उनके साथ युधिष्ठिर कौशिक, आर.के. अग्रवाल, अनिल जैन, नरेश गुप्ता, अश्विनी वशिष्ठ, सुधीर गुप्ता, ईश्वर सिंह, राकेश जैन, राम किशन, सुशील कुमार, भुवनेश्वर शर्मा, राजाराम यादव, अनिल कुमार जैन, आदित्य किशोर अग्रवाल, नवीन मित्तल, ओ.पी. गोयल, पर्व अग्रवाल, शिव सिंहल आदि मौजूद रहे।

इस अवसर पर भारत-तिब्बत सहयोग मंच के हरियाणा प्रांत अध्यक्ष अमित गोयल ने कहा कि राष्ट्र का सम्मान बढ़ाने के लिए काम करने वाले माननीय इंद्रेश कुमार जी द्वारा 5 मई 1999 को गठित किए गए भारत-तिब्बत सहयोग मंच हमेशा तिब्बती कौशल को बचाने और तिब्बत के प्रति भारत का समर्थन बढ़ाने के लिए मजबूत समर्थक रहा है। मंच के महासचिव पंकज गोयल भी इस उद्देश्य को पूर्ण करने में जुटे हैं। सबका उद्देश्य यही है कि कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की आजादी हो। अमित गोयल ने कहा कि जिस चीन की तानाशाही से तिब्बत के बौद्ध गुरू दलाई लामा को निर्वासित जीवन जीना पड़ रहा है, उसे भारत ने कई स्तर पर मात देने का काम किया है। भारतीय सेना ने भी चीनी सेना का मुंह तोड़ जवाब दिया है।

अमित गोयल ने कहा कि तिब्बत का सौंदर्य उसकी प्रकृति में है। वहां के लोगों की आत्मनिर्भरता और शांति की भावना भी है। कैलाश मानसरोवर, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्हें लोग शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यात्रा का माध्यम मानते हैं। बौद्ध गुरू दलाई लामा ने विश्वभर में शांति और साहित्य के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। उनका संदेश विश्व भर में भ्रांतियों के खिलाफ है।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव

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