गुरुग्राम: पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ अपनी संस्कृति अपनाकर संस्कारी बनें: मुनि अनुमान सागर

WhatsApp Channel Join Now
गुरुग्राम: पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ अपनी संस्कृति अपनाकर संस्कारी बनें: मुनि अनुमान सागर


-पदम पुराण से रामलीला के मंचन के बाद की पत्रकारों से बात

गुरुग्राम, 25 अक्टूबर (हि.स.)। पाठशाला प्रणेता मुनिश्री अनुमान सागर जी महाराज ने कहा कि श्रीराम की तरह ही आज के समय में माता-पिता, शिक्षक बच्चों में बचपन से ही ऐसे संस्कारों का समावेश करें, जिससे समाज में उनके संस्कारों की मिसाल दी जाए। समाज उनसे शिक्षा ले। पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागकर हमने अपनी संस्कृति और संस्कारों को छोड़ दिया है। यही हमारे समाज का सबसे बड़ा नुकसान है। यह बात उन्होंने यहां श्री दिगम्बर जैन बारादरी में पत्रकारों से बातचीत में कही।

मुनिश्री अनुमान सागर जी महाराज ने यहां पदम पुराण के माध्यम से करवाई गई रामलीला का उल्लेख करते हुए कहा कि जैन धर्म के पदम पुराण के आधार पर रामलीला का उद्देश्य यही है कि सभी जीवन को मर्यादित, संस्कारित होकर जीयें। यही राम का जीवन रहा है। उनमें बचपन से ही ऐसे संस्कार दिए गए कि वे महलों में भी संस्कारित रहे और वन में भी संस्कारित रहे। जिस किसी भी व्यक्ति को बचपन से अच्छे संस्कार दिए जाते हैं तो वह जीवन पर्यन्त संस्कारित ही रहता है। श्रीराम ने हर जगह पर अपना आचरण सही रखा। वे शाकाकारी रहे। ऋषि-मुनियों को भी उन्होंने वनवास के दौरान संभाला। कभी ऐसी वस्तुओं का पान नहीं किया, जिससे कि उनकी मर्यादा भंग होती हो। उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत कुछ अप्रिय घट रहा है। हमें अपनी बेटियों को सुरक्षित रखना है। श्रीराम की मर्यादा का आगे जिक्र करते हुए मुनिश्री ने कहा कि 90 दिन तक राम-रावण के बीच युद्ध चला था। युद्ध में भी उन्होंने मर्यादा का पालन किया। मुनिश्री ने कहा कि महाभारत में मर्यादा का पालन नहीं हुआ। रामायण में पूरी मर्यादा रही। पदम पुराण में बताया गया है कि रावण को राम ने नहीं लक्ष्मण ने मारा था।

इस अवसर पर जैन समाज के प्रधान संदीप जैन ने कहा कि चार महीने से यहां मुनि श्री का वर्षा योग चल रहा है। इसी दौरान यहां रामलीला का मंचन भी महाराजश्री के आशीर्वाद से किया गया। जैन समाज के प्रवक्ता अभय जैन एडवोकेट ने कहा कि महाराज श्री अनुमान सागर जी महाराज के आशीर्वाद से 10 साल बाद भी रामलीला मंचित की गई। इस रामलीला में 200 से अधिक जैन परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story