गुरुग्राम फिर से बना जलग्राम, फिर उठे तैयारियों पर सवाल
-हाइवे की सर्विस लेन, निचली कालोनियां व शहर की अन्य सडक़ेें पानी में डूबी
-जलभराव नहीं होने देने के दावे किए गए थे, पानी में दावे डूबे नजर आए
गुरुग्राम, 28 जून (हि.स.)। शुक्रवार को हुई बारिश ने एक बार फिर से प्रशासन के दावों को धो दिया। फिर से शहर पानी-पानी हो गया। फिर से यातायात जाम लोगों को झेलना पड़ा। फिर से लोग पानी के बीच से गुजरते नजर आए। फिर से लोगों ने प्रशासन को कोसा। गुरुवार-शुक्रवार की रात से सुबह 7 बजे तक हुई बारिश सबसे अधिक सोहना तहसील क्षेत्र में 82 एमएम हुई। इस बारिश में गुरुग्राम जलग्राम नजर आया।
जून की गर्मी, गर्म लू को झेल चुके लोगों के लिए जून के अंत में प्री-मॉनसून की बारिश ने गर्मी से राहत दी। बारिश ने गर्मी से तो राहत दी, लेकिन सडक़ों पर जलभराव में लोग फंस गए। चाहे कोई दुपहिया वाहन पर था या फिर तिपहिया, चार पहिया या फिर बसों, ट्रकों में। सभी जलभराव के बीच वाहनों के फंसने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सभी वाहन बारिश के पानी में आधे से ज्यादा डूबने के कारण पानी में ही बंद हो गए। इस कारण से जाम की स्थिति बन गई। गुरुग्राम-जयपुर एक्सपे्रस-वे की सर्विस लेन में कई फुट पानी भर गया। कंपनियों से ड्यूटी करने वाले महिला, पुरुष कर्मचारी पानी में से निकलने को मजबूत हुए। बरसात के कारण सीवर भी ओवरफ्लो हो गए। कई गलियों में सीवरेज से निकला गंदा पानी भर गया। बारिश का पानी भरने से गुरुग्राम-सोहना पर रोड पर लंबा जाम लग गया। इस बारिश ने एक बार फिर से जिला प्रशासन, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) और नगर निगम के जल निकासी के प्रबंधों की पोल खोली। मॉनसून आने से पहले बरसाती नालों की सफाई के पुख्ता दावे किए गए थे। कुछ जगहों पर नालों की सफाई की भी गई, लेकिन सभी नालों की सफाई नहीं हुई। मॉनसून के आने के समय से कुछ दिन पहले तो यहां नालों की सफाई शुरू की गई, जो कि पूरी नहीं हुई।
मिलेनियम सिर्टी गुरुग्राम में सामान्य दिनों में सफाई और बरसात के दिनों में जलभराव अहम मुद्दा रहता है। दुनियाभर में मशहूर गुरुग्राम में तीन स्तरीय प्रशासन इन दोनों मामलों में ही फेल नजर आता है। आज तक ना तो पूरा शहर कभी साफ, स्वच्छ नजर आया और ना ही यहां बारिश के समय कभी सब कुछ सही नजर आया। हालांकि अधिकारियों ने हमेशा बारिश से पहले दावे किए हैं कि इस बार जलभराव नहीं होगा। हर उस जगह पर लाखों रुपये खर्च करके पम्प सेट भी लगाए गए हैं, जो कि नियमित तौर पर वहीं लगे रहते हैं। इसके बाद भी जलभराव की स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही। 30 जून तक हरियाणा में मॉनसून आने की संभावना है। इस बारिश को प्री-मॉनसून की ही बारिश कहा जा सकता है। इसी पहली बारिश ने सारे दावों को धोकर रख दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव
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