हिसार: विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन में उच्चस्तरीय शोध की स्थापना करना: प्रो. नरसीराम
वर्किंग प्रोफेशनल्स को पीएचडी करवाएगा गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय
हिसार, 7 फरवरी (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने वर्किंग प्रोफेशनल्स को पीएचडी करवाने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस पीएचडी कार्यक्रम का उद्देश्य वर्किंग प्रोफेशनल्स के अनुभव व क्षमताओं को विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन में उच्चस्तरीय शोध की स्थापना करना है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बुधवार को बताया कि इस कार्यक्रम के तहत संबंधित क्षेत्र में निर्धारित अनुभव व योग्यता रखने वाले वर्किंग प्रोफेशनल्स दाखिला ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि बहुत से वर्किंग प्रोफेशनल्स में शोध करने की विशेष क्षमता होती है, लेकिन वे नियमित शोध प्रक्रिया के तहत शोध करने में सक्षम नहीं हो पाते। ऐसे वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए विश्वविद्यालय ने यह शोध योजना तैयार की है। वर्किंग प्रोफेशनल्स अपने कार्य के दौरान लगातार नए सृजन व शोध को जन्म देते हैं। विश्वविद्यालय इस शोध को उच्च गुणवत्ता प्रदान करने में अपनी भूमिका निभा सकता है। प्रोफेशनल्स द्वारा किया गया शोध विश्वविद्यालय, समाज व राष्ट्र के लिए अति उपयोगी होने की संभावना है। विश्वविद्यालय के प्रत्येक शोध के लिए योग्य शिक्षक को वर्किंग प्रोफेशनल्स को पीएचडी करवाने के लिए एक अतिरिक्त सीट का प्रावधान किया गया है। डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी की अनुशंसा के आधार पर वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए शोध प्रक्रिया की पूरी रूपरेखा तैयार की गई है। दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 18 फरवरी है।
तीन से पांच साल का अनुभव रखने वाले प्रोफेशनल्स कर सकेंगे पीएचडी
डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि प्रबंधक या उसके समकक्ष पद के वर्किंग प्रोफेशनल्स अपने संबंधित क्षेत्र में पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकारी या सरकार से सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए अनुभव की समय सीमा तीन साल रखी गई है। दाखिले के लिए लिखित परीक्षा होगी। नेट या जेआरएफ कर चुके वर्किंग प्रोफेशनल्स को लिखित परीक्षा के दायरे से बाहर रखा गया है।
यूजीसी के निर्धारित मापदंडों पर आधारित है शोध प्रक्रिया
प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि यह शोध प्रक्रिया पूर्णतया यूजीसी के नियमानुसार है। दाखिला पाने वाले शोधार्थियों को सप्ताहांत में कोर्स वर्क के लिए विश्वविद्यालय में आना होगा। उन्हें शोध के दौरान अतिरिक्त अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह शोध व्यवस्था विश्वविद्यालय की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। विश्वविद्यालय को विश्वास है कि इस व्यवस्था के तहत अत्यंत उच्चस्तरीय शोध होगा। पीएचडी दाखिला विवरणिका विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर उपलब्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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