हिसार: राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा गुजवि: नरसी राम बिश्नोई
सहायक प्रोफेसर नवदीप को मिला ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड स्मार्ट गोगल्स फॉर कंस्ट्रक्शन लेबर’ डिजाइन पेटेंट
हिसार, 10 सितंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. नवदीप मोर को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड स्मार्ट गोगल्स फॉर कंस्ट्रक्शन लेबर’ डिजाइन पेटेंट मिला है। डा. नवदीप मोर मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई से मिले और उन्हें पेटेंट प्रमाण पत्र सौंपा। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. आशा गुप्ता भी उपस्थित रही।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सिविल इंजीनियरिंग विभाग व डा. नवदीप मोर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय लगातार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। विश्वविद्यालय में शोध के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध है। इसी के परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के शिक्षक नए-नए शोध कर रहे हैं तथा उनका पेटेंट करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का सिविल इंजीनियरिंग विभाग नया विभाग है। शिक्षक पूरी मेहनत व लगन से पढ़ाई के साथ-साथ शोध कर विश्वविद्यालय का नाम गौरवान्वित कर रहे हैं। इस पेटेंट से विश्वविद्यालय के साथ-साथ विभाग की पहचान और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं शोधार्थी विश्वविद्यालय में उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं का भरपूर फायदा उठाएं। समाज व राष्ट्र के कल्याण में शोध करें तथा उनका पेटेंट अवश्य कराएं।
विभागाध्यक्षा प्रो. आशा गुप्ता ने भी शिक्षक डा. नवदीप मोर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रति विद्यार्थियों का जबरदस्त रुझान है। सिविल इंजीनियरिंग में रोजगार के साथ-साथ शोध की भी अपार संभावनाएं हैं। शोधकर्ता डा. नवदीप मोर ने बताया कि यह स्मार्ट गोगल्स साइट पर काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ आने वाले खतरे को भांप लेते हैं, उसके अनुसार मजदूर को अलर्ट कर देते हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का प्रयोग हुआ है, जो सेंसर के माध्यम से आस-पास के वातावरण में हो रही गतिविधियों को भांप लेती है। इससे मजदूरों को आने वाले खतरों का पता चल जाता है तथा वे आवश्यक सुरक्षा कदम उठा सकते हैं। इस गोगल में लगे कैमरा मजदूरों की आंखों की गतिविधि और चेहरे के भावों, दिल की धड़कन और शरीर के तापमान को जांच कर मजदूरों की थकान को भांप लेता है और मजदूरों को उस समय पर आराम करने की सलाह देता है। उन्होंने कहा कि यह पेटेंट मजदूरों की सुरक्षा के उद्देश्य से आस-पास की मिट्टी, तारों, धुवां या मिट्टी, वायु गुणवत्ता का आंकलन करता है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर
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