हिसार: सांसदों व कर्मचारियों के निलंबन पर दोहरी नीति अपना रही सरकार: एमएल सहगल
हिसार, 22 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने सरकार पर सांसदों और कर्मचारियों के निलंबन में दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि केंद्र अथवा राज्य सरकार धीन कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी को कार्यप्रणाली में त्रुटि, भ्रष्टाचार या अन्य किसी दोष को लेकर सेवा नियमावली के प्रावधान अनुसार सेवा से निलंबित कर दिया जाता है और उचित कार्रवाई पूरी होने के उपरांत बहाल किया जाता है या सेवा से बर्खास्त किया जाता है।
एमएल सहगल ने शुक्रवार को कहा कि निलंबित अधिकारी या कर्मचारी को निलंबन समयकाल में आधा वेतन व देय भत्तों का भुगतान किया जाता है। दूसरी तरफ लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा व राज्यसभा में विरोध अथवा व्यावधान डालने को लेकर करीब 141 सांसदों को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को निलंबन समय में क्या देय सुविधाओं से वंचित किया जाता है। जैसे मानदेय में 50 प्रतिशत कटौती, हवाई यात्रा, प्रथम श्रेणी रेल यात्रा तथा अन्य देय सुविधाओं पर भी क्या कोई रोक अथवा कटौती के बारे नियमावली लागू है। यदि ऐसा नहीं है तो निलंबन की इस कार्यवाही का उद्देश्य क्या है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी व अधिकारी और सांसदों को लेकर दो प्रकार की कार्रवाई क्यों। उन्होंने कहा कि सांसदों को भी सरकारी धन से ही सभी सुविधाएं दी जाती हैं। सहगल ने कहा कि यह मुद्दा अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ की जनवरी 2024 में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उठाया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन
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