जींद : सुशासन समयबद्ध गतिविधि ना होकर जनहित में चलने वाली निरंतर प्रक्रिया : राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा

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जींद : सुशासन समयबद्ध गतिविधि ना होकर जनहित में चलने वाली निरंतर प्रक्रिया : राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा


जींद, 25 दिसंबर (हि.स.)। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में सुशासन व्यवस्था कायम की है ताकि देश में भ्रष्टाचार मुक्त प्रभावी और उत्तरदायी शासन व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई व पंडित मदन मोहन मालवीय ने जो सपना देखा था, उस परिकल्पना को मूर्त रूप देना ही सरकार का मुख्य मुख्य उद्देश्य है।

राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा गुरूवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष में लघु सचिवालय सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ उचाना विधायक देवेंद्र अत्री, नगर परिषद जींद अध्यक्ष डा. अनुराधा सैनी, भाजपा नेता डा. पुष्पा तायल, जुलाना से भाजपा प्रत्याशी रहे योगेश बैरागी साथ रहे। इस अवसर पर जिला प्रशासन की और से उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।

राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि सुशासन दिवस कोई एक दिन का विषय नही है बल्कि यह पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकल्याण से जुड़ी निरंतर प्रक्रिया है। अच्छे शासन का मूल उद्देश्य आम नागरिक तक योजनाओं का लाभ समय पर और बगैर किसी भेदभाव के पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सुशासन समयबद्ध गतिविधि ना होकर जनहित में चलने वाली निरंतर प्रक्रिया है। प्रशासन एवं सरकार की प्रत्येक योजना का समाज के आखिरी वांछित व्यक्ति तक फायदा पहुंचाने का जो सपना देश की महान विभूतियां भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी व पंडित मदन मोहन मालवीय ने देखा था, उस परिकल्पना को मूर्त रूप देना सरकार का मुख्य मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में अच्छे शासन के सिद्धांतों को बढ़ावा देना और उन्हें जन-जन तक पहुंचाना है ताकि शासन व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी, संवेदनशीलता और जनकल्याण को प्राथमिकता दी जा सके। प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी जनता की सेवा को अपना मूल कर्तव्य समझें और योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति जो जरूरतमंद है तक पंहुचाना सुनिश्चित करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

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