यमुनानगर: इसरो की परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करने वाले पारस का गांव में हुआ स्वागत

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यमुनानगर: इसरो की परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करने वाले पारस का गांव में हुआ स्वागत


यमुनानगर, 1 फरवरी (हि.स.)। गांव टोपराकलां के एक साधारण किसान परिवार के बेटे ने इसरो की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया। गांव में पहुंचने पर परिजन व गांव वालों ने ढोल नगाड़ों के साथ खुशी मनाकर उसका भव्य स्वागत किया।

थाना रादौर के गांव टोपराकलां के एक साधारण किसान के बेटे पारस नेहरा ने इसरो की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया। जिसका गांव में पहुंचने पर परिजन व ग्रामीणों द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया और खुशी मनाई। शनिवार को यह जानकारी देते हुए पारस नेहरा ने बताया कि उनकी परीक्षा के बाद इंटरव्यू हो चुका है और 14 फरवरी से पहले उन्हें नौकरी में शामिल होना है।

उन्होंने बताया कि वह एक साधारण किसान परिवार से है। उनकी बचपन की पढ़ाई गांव टोपराकलां व संजय गांधी स्कूल से हुई। इसके बाद उनके पिता की नौकरी फरीदाबाद में लग गई और उन्हें भी फरीदाबाद जाना पड़ा। वहां से उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई शुरू की और उनका दाखिला महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हुआ। जहां पर उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद एम टेक और आईआईटी गुलाटी व दिल्ली से की। इसके बाद उन्होंने कई परीक्षाएं दी जिसमें 8 से 9 बार वह फेल भी हुए। लेकिन उन्होंने न ही अपना लक्ष्य बदला और ना ही हिम्मत हारी। जबकि उनके माता-पिता का यह कहना था कि वह इंजीनियर की पढ़ाई करके विदेश में जाए जैसे सभी के बच्चे विदेश जा रहे है।

लेकिन पारस का कहना है कि मैंने यहीं रहकर कुछ करने का मन बना लिया था। मुझे अच्छे अध्यापक व दोस्त मिले जिनके सहयोग से मैं अपनी पढ़ाई और इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए खूब मेहनत करता रहा। इसरो की परीक्षा मैंने चौथा स्थान प्राप्त किया। यह मेरे परिवार और अध्यापकों का आशीर्वाद और उनका मार्गदर्शन है जिससे मैंने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि मैं अब इसरो में वैज्ञानिक बनकर देश सेवा की सेवा करूंगा।

हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग

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