कैथल: जेजेपी छोड़ने वाले पूर्व विधायक सतविंद्र राणा ने थामा हाथ का साथ

कैथल: जेजेपी छोड़ने वाले पूर्व विधायक सतविंद्र राणा ने थामा हाथ का साथ
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कैथल: जेजेपी छोड़ने वाले पूर्व विधायक सतविंद्र राणा ने थामा हाथ का साथ


कैथल: जेजेपी छोड़ने वाले पूर्व विधायक सतविंद्र राणा ने थामा हाथ का साथ


बोले: कांग्रेस की सरकार आने पर खुलेगी शराब घोटाले की फाइल

कैथल, 11 मई (हि.स.)। राजौंद से दो बार विधायक रहे सतविंद्र राणा ने शनिवार को कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने अपने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में पका पहनकर उनका कांग्रेस में स्वागत किया।

कैथल के कलायत हलका से 2019 में कलायत से जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके एवं राजौंद के पूर्व विधायक सतविंद्र राणा ने अभी हाल में ही 4 अप्रैल को जेजेपी छोड़ी थी। सतविंद्र राणा चार साल पहले वर्ष 2019 में कांग्रेस से जजपा में शामिल हुए थे। सतविंद्र राणा ने कहा कि भाजपा सरकार ने उन पर झूठा शराब का मुकदमा दर्ज करवा दिया था। 22 अप्रैल को ही इस मामले से अदालत ने उन्हें बरी किया है। इस शराब कांड में कई बड़े नेता शामिल है। भाजपा ने फिलहाल शराब घोटाले की फाइल दबा रखी है। अगर कांग्रेस की सरकार आए तो यह फाइल खुल जाएगी और कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में टिकट मांगने के लिए नहीं आएहैं। उन्होंने एनएसयूआई से लेकर कांग्रेस संगठन में कई बड़े ओहदों पर काम किया है। 2000 में कांग्रेस ने उन्हें राजौंद से उन्हें कालका भेज दिया था। जेजीपी में वे लोगों की भलाई के लिए शामिल हुए थे, लेकिन जजपा ने सरकार में रहते हुए किसानों, मजदूरों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे व लघु श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर अपेक्षा की। उन्हें टिकट नहीं चाहिए वह केवल लोगों के हितों की लाइन लड़ने के लिए कांग्रेस में वापस आए हैं।

2019 में थामा था जजपा का दामन

पूर्व विधायक सतविंद्र राणा पहले कांग्रेस पार्टी में थे, लेकिन 2019 में उन्होंने जजपा का दामन थाम लिया था। सतविंद्र राणा ने कालका से भी दो बार 2009 और 2014 में चुनाव लड़ा था। राणा कांग्रेस पार्टी में 2007- 2014 में प्रदेश महासचिव रहे है। 1996 और 2005 में कैथल के राजौंद हलका से कांग्रेस की सीट पर विधायक बने थे। उन्होंने राजौंद से 1991 और 2000 में भी चुनाव लड़ा था। सतविंद्र राणा मूल रूप से कैथल के गांव राजौंद के रहने वाले हैं। 2014 में हुए परिसीमन में राजौंद कलायत हलका में शामिल हो गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/नरेश /संजीव

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