जींद : धान की प्योद तैयार करने के लिए किसानों को बहाना पड़ रहा है पसीना
जींद, 15 जून (हि.स.)। निरंतर बढ़ रहे तापमान का असर आम जनजीवन पर पडऩे के साथ खेती पर भी पड़ रहा है। धान की रोपाई से पहले धान की प्योद को खेतों में किसान तैयार करते हैं। इस बार धान की प्योद (पनीरी) पर बढ़ रहे तापमान का असर हो रहा है। किसानों को प्योद तैयार करने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। प्योद के खराब होने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। प्रति एकड़ किसान को 1 हजार से लेकर 2 हजार तक प्योद खराब होने से नुकसान हो रहा है।
उचाना क्षेत्र में धान की रोपाई भी किसान प्रमुख रूप से करते है। ऐसे में रोपाई से पहले प्योद को तैयार करने में किसान लगे हुए है। प्योद बढ़ रहे तापमान से खराब होने के चलते इस बार धान की रोपाई 15 दिन देरी से होने का अनुमान है। प्योद तापमान बढऩे से खराब होने पर किसानों को दोबारा से तैयार करनी पड़ रही है। किसानों ने बताया कि करीब 35 से 45 प्रतिशत से अधिक प्योद बढ़ रहे तापमान के चलते खराब हो चुकी है। ऐसे में दोबारा से प्योद तैयार की जा रही है। प्योद खराब होने से अब धान की रोपाई में भी देरी होगी क्योंकि कम से कम 25 से 30 दिनों तक में जाकर प्योद तैयार होती है।
किसान राजबीर, सुलतान, बलवान ने कहा कि जिस प्योद को लगाए 20 दिन हो चुके है लेकिन अभी तक उसके फुटाव नहीं होने से वो तैयार नहीं हो रही है। निरंतर तापमान में बढ़ोतरी से प्योद खराब हो रही है। बढ़ रहे तापमान के चलते जो प्योद खेत में लगाई थी वो खराब हो रही है। ऐसे में दोबारा फिर से प्योद लगानी पड़ेगी। धान की रोपाई से पहले प्योदा तैयार खेत में किसान करते है। किसानों के लिए इस बार प्योद तैयार करना आर्थिक रूप से नुकसान वाला भी बन रहा है। प्रति एकड़ किसान को 1 हजार से 2 हजार का नुकसान हो रहा है। खेती निरंतर किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। इस बार निरंतर तापमान बढ़ रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।