हिसार : उत्तर भारत से पहली महिला पीएचडी मुद्रण शिक्षिका बनी डॉ. वंदना गुप्ता
हिसार, 11 जनवरी (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की मुद्रण प्रौद्योगिकी विभाग की शिक्षिका डा. वंदना गुप्ता पूरे उत्तर भारत में प्रिंटिंग में पीएचडी करने वाली पहली महिला शिक्षिका बनी हैं। इस उपलब्धि पर मुद्रण प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी है। उनके शोध का विषय ‘हाइब्रिड मॉड्यूलेटेड स्क्रीन (एक्स एम) और डिजिटल मॉड्यूलेटेड स्क्रीन (डीएम) का ऑफसेट और डिजिटल मुद्रण प्रक्रिया की मुद्रण उपयुक्तता का एक प्रयोगसिद्ध अध्ययन’ है।
विभागाध्यक्ष डा. पंकज तिवारी ने गुरुवार को बताया कि भारत में डीएम स्क्रीनिंग का दायरा व्यापक है। डीएम स्क्रीनिंग तकनीक को आंशिक रूप से समाचार पत्र क्षेत्र द्वारा अपनाया गया है। वाणिज्यिक क्षेत्र भी डीएम प्रौद्योगिकी का उपयोग शुरू करने के लिए तैयार हैं। डीएम स्क्रीनिंग तकनीक का उपयोग करके मुद्रण क्षेत्रों को अत्यधिक लाभ हो सकता है, क्योंकि अगली पीढ़ी की तकनीक औरैया-2 होगी। इस क्षेत्र में अग्रिम अध्ययन शोधार्थियों और छात्रों के लिए भी उपयोगी होगा।
डा. वंदना गुप्ता की विशेषज्ञता का क्षेत्र, ‘रंग प्रबंधन तथा गुणवत्ता नियंत्रण’ है। उनके द्वारा लिखित कई शोध पत्रों के कारण उनका नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी शामिल है। वो इस विभाग में 21 वर्षों से कार्यरत हैं। डॉ. वंदना गुप्ता अपने विभाग व विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए वचनबद्ध व कार्यबद्ध हैं। उन्होंने यह सफलता अपने गुरु विख्यात शिक्षक डॉ. अम्बरीश पांडे जी के मार्गदर्शन व उनके आशीर्वाद से प्राप्त की है।
डा. पंकज तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय का मुद्रण प्रौद्योगिकी विभाग अग्रणी विभागों में से एक है। साथ ही विद्यार्थियों को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने में भी यह विभाग महत्वपूर्ण स्थान रखता है। विभाग उच्च स्तरीय व्यवस्थाओं तथा प्रतिष्ठित शिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन भी करता है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन/संजीव
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