जींद : फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खेत होंगे लाल स्याही से चिन्हित
जींद, 11 अक्टूबर (हि.स.)। फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के तहत शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में सफीदों उपमंडल के सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव तथा पटवारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सफीदों खंड के बीडीपीओ नरेश कुमार तथा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। बैठक में सफीदों के नायब तहसीलदार विकास कुमार ने कहा कि अगर कोई किसान अपने खेतों में धान अवशेष में आग लगाता है तो उसके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई तो की ही जाएगी व उसकी भूमि को पटवारी रिकार्ड में किल्ला नंबर लाल स्याही से चिन्हित किया जाएगा।
जिससे कृषि विभाग द्वारा किसान कल्याण के लिए चलाई गई स्कीम का लाभ नही मिल सकेगा। सीआरएस योजना में ऑनलाइन पंजीकरण करने पर किसान को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन के रूप में अनुदान दिया जाएगा। उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को कहा कि फसली अवशेषों को आग लगने से किसान के खेत की जमीन खराब हो रही है। इससे न केवल जमीन में रहने वाले मित्र कीट खत्म हो जाते हैं बल्कि आसपास के क्षेत्र की हवा में घुलने वाला धुआं व्यक्ति की शारीरिक बीमारियों का कारण भी बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से किसान न केवल धान की फसल के अवशेषों का प्रबंधन कर सकता है बल्कि अपनी गेहूं की फसल बिजाई के समय होने वाले खर्चें को भी कम कर सकता है।
बैठक में कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी सुशील कुमार नें सरपंचों, नंबरदारों को कहा कि वे अपने-अपने गांवों में फसल अवशेष न जलाने बारे मुनादी करवाएं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए खंड एवं गांव स्तर पर भी कमेटी बनाई गई है। कमेटी में कृषि विभाग के कर्मी, राजस्व विभाग के पटवारी, ग्राम सचिव, गांव के सरपंच व नंबरदार को शामिल किया गया है। यह कमेटी अपने-अपने क्षेत्र में फसल अवशेष में लगाई जाने वाली आग की घटनाओं की सूचना संबंधित अधिकारियों को देगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा
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