सोनीपत में किसानों का प्रदर्शन, मुआवजे की मांग को लेकर सरकार को अल्टीमेटम

-खराब फसल का मुआवजा नहीं मिला, पिछले
साल भी दिया था 200 दिनों तक धरना
-बीमा कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप, 15 दिन में हल
नहीं हुआ मामला तो फिर होगा धरना
सोनीपत, 25 मार्च (हि.स.)। सोनीपत
के गोहाना में फसल मुआवजे की लंबित राशि को लेकर किसानों ने उप-मंडल लघु सचिवालय पर
मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के बैनर तले हुए
इस प्रदर्शन में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी
दी कि यदि 15 दिनों में मुआवजा नहीं मिला, तो वे पुनः धरने पर बैठेंगे।
किसान
नेता सत्यवान नरवाल ने बताया कि 2021-22 और 2023 में बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि के
कारण फसलें बर्बाद हो गई थीं। कुछ किसानों को मुआवजा मिला, लेकिन बड़ी संख्या में किसान
अब भी वंचित हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार ने गोहाना क्षेत्र के हजारों किसानों
के करोड़ों रुपए का मुआवजा अब तक जारी नहीं किया। प्रदर्शनकारी
किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष भी उन्होंने 200 दिनों तक धरना दिया था। उस दौरान तत्कालीन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने आश्वासन दिया
था, लेकिन एक साल बाद भी किसानों को उनका हक नहीं मिला।
किसानों
ने बीमा कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी किसानों को मुआवजा देने
के बजाय गुमराह कर रही है। किसानों का दावा है कि सोनीपत जिले के करीब 3,300 किसानों
का 300 करोड़ रुपए का मुआवजा बकाया है। किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द मुआवजा जारी
करने की मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि यदि 15 दिनों में समाधान नहीं हुआ, तो वे
दोबारा धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना