जींद: धान की फसल को लेकर रामभरोसे किसान

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जींद: धान की फसल को लेकर रामभरोसे किसान


जींद , 24 जुलाई (हि.स.)। धान की रोपाई के बाद बारिश नहीं होने से किसानों को धान की प्योद खराब होने का डर सताने लगा है। बिना बारिश के जो प्योद खराब हुई है उसकी जगह दोबारा से प्योद लगवाने को मजबूर है। इस बार मानसून की बेरूखी किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।

पर्याप्त मात्रा में नहरी पानी नहीं पहुंचने से किसान ट्यूबवेल से अपनी फसल को बचाने के लिए सिंचाई कर रहे है लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहा है। बारिश का किसानों को बेसब्री से इंतजार है। किसान अब अपनी फसल को बचाने के लिए रामभरोसे है। सावन माह शुरू हुए तीन दिन हो चुका है। आसमान पर बादल छाने के बाद बढ़ रही तपत से भी किसान, आम जन बेहाल है। इस बार शुरूआत से ही मौसम फसल के अनुकूल नहीं रहा है।

किसान भूपेंंद्र, जोगिंद्र, राजेश ने कहा कि बारिश में हो रही देरी से किसान परेशान है। इस बार धान की फसल की रोपाई उनके लिए नुकसान वाली साबित हो रही है। पहले प्योद तैयार करने के दौरान बारिश नहीं होने से प्योद को नुकसान हुआ। अब धान की रोपाई के बाद प्योद खराब होने लगी है। अब जो कीटनाशक दवा, खाद जो डाल रहे है उनको कोई फायदा नहीं हो रहा है। मौसम में तापमान बढऩे से प्योद खराब हो रही है। जो-जो प्योद खराब हो रही है वहां दोबारा से रोपाई करनी पड़ रही है। इस बार मानसून की बेरूखी से किसान परेशान है। अब पूरी तरह से रामभरोसे किसान है। बारिश होने के बाद ही राहत किसानों को मिलेगी। जिन किसानों ने चकौते पर जमीन लेकर धान की रोपाई की है उनको फसल उत्पादन कम होने से नुकसान होने का डर सताने लगा है।

खंड शिक्षा अधिकारी उचाना सुरेंद्र मोर ने बताया कि उचाना ब्लॉक में किसानों ने इस बार 36 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई की है। इस समय बारिश की सख्त जरूरत सभी फसलों को है लेकिन धान की प्योद रोपाई के बाद सबसे अधिक जरूरत है। बारिश नहीं होने से फसल का उत्पादन प्रभावित होगा। धान की रोपाई के समय बीत चुका है। बारिश का इंतजार कर रहे किसान अब ट्यूबवेल के पानी से धान की रोपाई कर रहे है। जितनी देरी से बारिश आएगी उतना किसानों को नुकसान होगा।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा / SANJEEV SHARMA

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