एचएयू की उन्नत किस्मों व आधुनिक तकनीकों से अन्य राज्यों के किसान भी उठा रहे लाभ:कम्बोज
हिसार, 31 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश में हरित क्रांति की सफलता व खाद्यान उत्पादन में अपार वृद्धि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अधिक पैदावार वाली विभिन्न फसलों की किस्में विकसित करना, नई-नई तकनीकें इजाद करना और प्रदेश के किसानों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। हरियाणा प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत ही छोटा प्रदेश है जबकि देश के खाद्यान भंडारण व फसल उत्पादन में अग्रणी प्रदेशों में शामिल है।
हकृवि के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने हरियाणा दिवस की पूर्व संध्या पर बोलते हुए प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की हार्दिक बधाई दी और कहा कि यह बड़े गर्व का विषय है कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रदेश के साथ नए संकल्पों व लक्ष्यों के साथ नए वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश का 1 नवंबर 1966 को जब अलग राज्य के रूप में गठन हुआ था उस समय खाद्यान्न उत्पादन मात्र 25.92 लाख टन था जोकि वर्ष 2022-23 में बढ़चढ़ कर 323 मिलियन टन होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की गेहूं की औसत पैदावार 46.8 क्विंटल प्रति हैक्टेयर एवं सरसों की औसत पैदावार 20.6 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।
कुलपति प्रो. कम्बोज ने कहा कि यह विश्वविद्यालय आज सफलता से भरा वर्ष पीछे छोड़ रहा है। मैं इन सफलताओं के पीछे रीढ़ की तरह काम करने वाले अपने शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने अधिकार व दायित्व में सामंजस्य बनाए रखकर विश्वविद्यालय के शिक्षा, अनुसंधान व विस्तार कार्यक्रमों में अनेक उपलब्धियां हासिल करने के साथ विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों के सफल आयोजन में योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि हकृवि के बाजरा और चारा अनुभागों को इनकी सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों के परिणामस्वरूप दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्र अवार्ड प्रदान किया गया। इसी प्रकार, विश्वविद्यालय को सरसों में उत्कृष्ट अनुसंधानों के लिए सर्वश्रेष्ठ केंद्र अवार्ड से नवाजा गया। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सरसों की आरएच 1975, आरएच 1424 व आरएच 1706 नामक तीन नई उन्नत किस्में विकसित करने में सफलता प्राप्त की है। कुलपति ने कहा कि हकृवि ने देशभर में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2023 के लिए जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में कृषि शोध संस्थानों में 10वां स्थान प्राप्त किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर
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