जींद : पोर्टल के चक्कर में उलझे किसान, पंजीकरण होने के बाद भी नहीं बिकी सरसों की फसल

जींद : पोर्टल के चक्कर में उलझे किसान, पंजीकरण होने के बाद भी नहीं बिकी सरसों की फसल
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जींद : पोर्टल के चक्कर में उलझे किसान, पंजीकरण होने के बाद भी नहीं बिकी सरसों की फसल


जींद, 1 अप्रैल (हि.स.)। पोर्टल किसानों के लिए सिरदर्दी बन रहा है। काकड़ोद गांव के किसान सरकारी रेट पर अपनी सरसों की फसल बेचने के लिए पहुंचे। पोर्टल पर खाता अपडेट नहीं होने पर उनका गेट पास नहीं कट पाया। गेट पास नहीं कटने के चलते सरसों की फसल को बिना बेचे ही वापिस लौटना पड़ा। किसानों ने कहा कि उनका फसल का पंजीकरण साइट पर दिखाया जा रहा है लेकिन पोर्टल के चलते उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव से सरसों की फसल ट्राली में लेकर मंडी आए लेकिन बिना फसल बेचे बैरग लौटना पड़ा।

किसान बलजीत सिंह, दयानंद, बलराम ने सोमवार को बताया कि जब मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण करवाना था तो सरसों की फसल का पंजीकरण करवाया। वो पंजीकरण की कापी लेकर सरसों की फसल बेचने के लिए मंडी आए। यहां पर उनकी फसल में नमी की जांच के बाद एजेंसी द्वारा टाकन काट कर गेट पास कटवाने के लिए भेजा। जब मार्केट कमेटी कर्मचारी से कपास मंडी गेट पर गेट पास कटवाने गए तो फसल का पंजीकरण तो वहां पर दिखा रहा था लेकिन गेट पास नहीं कट रहा था। गेट पास नहीं कटने के चलते उन्हें अपनी फसल को वापिस घर लेकर जाना पड़ा। पोर्टल के चक्कर में किसान परेशान हो रहा है। पहले पंजीकरण करवाओ पंजीकरण करवाने के बाद भी किसानों को पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं होने से गेट पास नहीं कट रहा है। पटवारी द्वारा लिखित रूप में देने के बाद भी उनकी फसल नहीं खरीदी जा रही है।

सोमवार को एसडीएम गुलजार मलिक ने कहा कि इस तरह के कई किसान मिलने के लिए आ चुके है। इसको लेकर मार्केट कमेटी सचिव से बात की गई तो सचिव ने माना कि तकनीकी कमी के चलते इस तरह की परेशानी आ रही है जिसको लेकर वो उच्चाधिकारियों से बातचीत करेंगे। वो भी अपने स्तर पर विभाग के अधिकारियों से बातचीत करेंगे ताकि किसानों को इस तरह की परेशानी भविष्य में न हो।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव

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