फरीदाबाद: अंतर्राजीय वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश, चार सदस्य हुए गिरफ्तार

फरीदाबाद: अंतर्राजीय वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश, चार सदस्य हुए गिरफ्तार
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फरीदाबाद: अंतर्राजीय वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश, चार सदस्य हुए गिरफ्तार


आरोपियों के कब्जे से 5 गाडिय़ां बरामद की गई, आरोपी किराए की गाड़ी बुक करके चोरी करते थे दूसरी गाडिय़ां

फरीदाबाद, 17 नवम्बर (हि.स.)। क्राइम ब्रांच एनआईटी प्रभारी नरेश की टीम ने अंतर्राज्यीय वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश कर गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में साहिल (21), इमरान (26), मुन्ना (26) तथा सुनील (24) का नाम शामिल है। आरोपी इमरान फरीदाबाद के जीवन नगर, आरोपी साहिल उत्तर प्रदेश के हापुड़ एरिया में स्थित मोडी कला व आरोपी मुन्ना गोवर्धन तथा आरोपी सुनील दिल्ली के त्रिलोकपुरी का रहने वाला है।

आरोपी मुन्ना अमेजन कंपनी में नौकरी करता है। आरोपी साहिल दिल्ली के बटला हाउस में कपड़े बेचने का कार्य करता है। आरोपी इमरान 10वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और ब्लिंकिट कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करता है। आरोपी सुनील 8वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है, जो बिग बॉस पर कटिंग का कार्य करता है। क्राइम ब्रांच की टीम में शामिल उप निरीक्षक सुरेश, मुख्य सिपाही जवाहर, सिपाही अंकित हरपाल संदीप प्रभु तथा नरेश ने गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले 1 नवंबर को आरोपी साहिल को राजस्थान के भीलवाड़ा एरिया से गिरफ्तार किया था और उसके कब्जे से फॉच्र्यूनर गाड़ी बरामद की जो उसने कोतवाली एरिया से चोरी की थी।

मामले में गहनता से जांच के लिए आरोपी को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर साथी आरोपी इमरान को जीवन नगर, सुनील को भारत कॉलोनी तथा मुन्ना को गोवर्धन से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को आरोपियों द्वारा पूर्व चोरी की कई वारदातों के बारे में पता चला जिसमें सामने आया कि आरोपी एक की प्रोग्राम डिवाइस का उपयोग करके गाड़ी की नई चाबी बनाते थे और उसकी मदद से चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते थे। आरोपी गाड़ी चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए किराए की एक गाड़ी पूरे दिन के लिए बुक करते थे और उस गाड़ी को लेकर निकल जाते थे तथा जिस गाड़ी को चोरी करना होता था उसके पास ले जाकर खड़ी कर देते थे। चोरी करने के लिए आरोपी पेचकस से गाड़ी के ड्राइवर साइड का शीशा तोडक़र की प्रोग्राम डिवाइस की सहायता से गाड़ी की नई चाबी तैयार करते थे। नई चाबी तैयार करने के बाद आरोपी गाड़ी लेकर फरार हो जाते। इसके पश्चात चोरी की गई गाड़ी की नंबर प्लेट बदलकर उसका उपयोग अन्य गाडिय़ों की चोरी करने में करते थे।

हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव

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