फरीदाबाद: हाथरस हादसे में फरीदाबाद की तीन महिलाओं की मौत
तीनों के शव पहुंचे घर, मातम पसरा
फरीदाबाद, 3 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में हुए दर्दनाक हादसे कि आग अब फरीदाबाद से भी फैलने लगी है। बता दें की सत्संग में भगदड़ मचने के चलते 134 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। भगदड़ में नीचे गिरकर दबने मरने वालों में से तीन महिलाएं फरीदाबाद की रहने वाली थी। जिनमें दो महिलाएं लीला व सरोज राम नगर की हैं। एक संजय कॉलोनी की रहने वाली तारा थी। इनके शव बुधवार को उनके घर पहुंचे ।
एक बस द्वारा 50 से 60 लोग सत्संग सुनने हाथरस गए थे। बुधवार को उनके शव जब उनके घर पहुंचे तो न केवल उनके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। पूरे रामनगर के लोग इस हादसे के बाद गमगीन थे। मृतिकाओं के परिजनों में वीरपाल गौतम और प्रेम चंद ने बताया कि परसों भोले बाबा के सत्संग के चलते यहां से एक बस 50-60 लोगों को लेकर गई थी और सत्संग में भगदड़ बचने के चलते बहुत लोगों की मौत हुई है, जिनमें उनके परिवार की महिलाएं भी शामिल हैं। लोगों ने प्रशासन पर जहां बदइंतजामी के आरोप लगाए हैं, वहीं उन्होंने भोले बाबा पर भी कार्रवाई करने की बात कही है।
उनका कहना था कि यह सत्संग 50000 हज़ार लोगों के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन वहां एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए। इंतजाम पुख्ता नहीं थे। उन्होंने बताया कि जब बाबा जाने लगे तब वहां जल छिडक़ा जाता है। बाबा के पैरों की मिट्टी लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई और वहां कीचड़ होने के चलते लोग फैसल कर गिर गए। भीड़ उनके ऊपर से गुजरती रही। जिसके चलते श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी।
वहीं सत्संग से जान बचाकर लौटी एक महिला राजकुमारी ने बताया कि सत्संग में काफी भीड़ थी। जब बाबा जाने लगे तब वहीं के लोकल लोगों ने महिलाओं के सोने चांदी के आभूषण छीनने के लिए धक्का-मुक्की की। जिसके चलते भगदड़ मच गई। राजकुमारी ने बताया की नीचे पानी गिरने के चलते जमीन गीली थी। इसी कारण से महिलाएं और बच्चे फिसल कर गिर गई। इस हादसे में इतनी जाने चली जाने के बावजूद एक अंधभक्त महिला रुक्मणि ने कहा कि इसमें हरि परमात्म या किसी का कसूर नहीं है। यह भगवान की मर्जी थी। किसी पर उंगली उठाना ठीक नहीं।
हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव
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