जींद:आंगनबाड़ी सुपरवाइजर लगवाने के नाम पर दो युवकों से पांच लाख ठगे
जींद, 18 जनवरी (हि.स.)। सदर थाना पुलिस ने दो युवकों से आंगनबाड़ी सुपरवाइजर लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये हडपने पर तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। गांव बड़ौदी निवासी नवीन और उसकी मौसी के लड़के विजय ने सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह दोनों बेरोजगार हैं। एक दिन उसके भाई अजय के पास उसके मामा हिसार के सूर्य नगर निवासी सत्यवान का फोन आया।
सत्यवान ने कहा कि वह नवीन और विजय को नौकरी पर लगवा सकता है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरी लगवाने के लिए उन्हें अढ़ाई लाख रुपये देने होंगे। दोनों की नौकरी पांच लाख रुपये में लग जाएगी। आधे रुपये पहले देने होंगे और बाकी रुपये काम होने के बाद देने होंगे। इस पर अजय ने उन्हें यह बात बताई तो दोनों ने सहमति जताई। इसके बाद उसका मामा सत्यवान उनके घर आया और 15 जून 2021 को एक लाख रुपये नगद ले गया।
इसके बाद 25 जून को 20 हजार रुपये नगद और 20 हजार रुपये किसी कुलदीप नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में डाले। कुछ दिन बाद 30 हजार रुपये भिवानी बस अड्डे पर नगद देकर आए और 60 हजार रुपये उसका मामा बड़ौदी गांव में उनके घर आकर ले गया। इसके बाद उनका मामा सत्यवान उन्हें कैथल लेकर गया, वहां पर कुलदीप नामक व्यक्ति से मिलवाया।
वहां पर भी कुलदीप को 50 हजार रुपये नगद दिलवाए गए और आरोपितों ने उनके सारे शैक्षणिक दस्तावेज, आधार कार्ड समेत दूसरे कागजों की फोटो कॉपी ले ली। सत्यवान और कुलदीप ने बताया कि उनके आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर के पदों के लिए फार्म भरेगा और एचएसएससी में नौकरी लगवाएगा। बाद में उन्हें एक फर्जी रोल नंबर जारी करवाया, जिस पर उनकी फोटो लगी हुई थी। इसकी परीक्षा की तारीख 25 सितंबर 2021 लिखी थी। इस फर्जी रोल नंबर पर परीक्षा केंद्र से लेकर रोल नंबर, क्यूआर कोड सब फर्जी था।
एडमिट कार्ड जारी करने के बाद उन्हें चंडीगढ़ बुलाया गया। चंडीगढ़ बुला कर उन्हें परीक्षा केंद्र में नहीं बैठाया गया और आरोपित बोले कि उनकी जगह दूसरे परीक्षार्थी परीक्षा में बैठा दिए हैं, उनका काम बन जाएगा। इसके एक महीने बाद कुलदीप का फोन आया कि वह परीक्षा में पास हो गए हैं। अब मेडिकल होगा और मौहाली के सिविल अस्पताल में मेडिकल के लिए आ जाना। उन्हें मौहाली के मेडिकल के नाम पर उनसे दो हजार रुपये ले लिए गए और कुछ दिन बाद कुलदीप का फोन आया कि उनका काम बन गया है, बाकी पेमेंट भी कर दें।
वह अपने मामा के साथ पंचकूला में गए तो वहां पर कुलदीप और रोहतक के समरगोपालपुर गांव निवासी रामशरण मिले। सत्यवान के कहने पर उन्होंने दो लाख रुपये रामशरण को नगद दे दिए। तीनों आरोपितों ने उन्हें दो बंद लिफाफे थमा दिए और कहा कि इसमें तुम्हारे नियुक्ति पत्र हैं। घर आकर ये लिफाफे खोले तो इममें फर्जी नियुक्ति पत्र पाए गए। उन्होंने सत्यवान, कुलदीप से संपर्क किया तो उन्हें गुमराह किया जाता रहा। जब उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी। सदर थाना पुलिस ने कुलदीप, सत्यवान और रामशरण के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र
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