सोनीपत: अच्छा खिलाड़ी बनाने में सबकी बराबर भूमिका: बंडारू दत्तात्रेय
- राज्यपाल ने ओलंपिक खेलों में सात से सत्तर पदकों का लक्ष्य निर्धारित करने की सराहना
की
सोनीपत, 27 सितंबर (हि.स.)। खेल विश्वविद्यालय राई में आयोजित मिशन ओलंपिक-2036 के सम्मेलन
में मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शिरकत की। शुक्रवार
को उन्होंने हरियाणा को खेलों का प्रदेश बताते हुए खेल विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम
के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने पेरिस ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन
की सराहना की, जिसमें हरियाणा के खिलाड़ियों ने मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया।
राज्यपाल ने भारत में खेलों के प्राचीन इतिहास पर भी प्रकाश
डाला। उन्होंने महाभारत के पासा खेल और भारत में शतरंज की उत्पत्ति का उल्लेख किया।
तीरंदाजी, कुश्ती, तलवारबाजी, और मुक्केबाजी जैसे खेलों का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों
में भी मिलता है। नालंदा और तक्षशिला के छात्रों के बीच तैराकी और दौड़ जैसे खेल लोकप्रिय
थे। उन्होंने भारत के ओलंपिक इतिहास की चर्चा की, जिसमें भारतीय हॉकी टीम का दबदबा
खास रहा। 1928 से 1980 के बीच टीम ने 11 पदक जीते, जिनमें 8 स्वर्ण पदक शामिल थे। हालांकि,
राज्यपाल ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में भारत की क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं हुआ।
फिर भी, टोक्यो और पेरिस ओलंपिक के सकारात्मक माहौल ने पैरालंपिक में 29 पदक दिलाए।
श्री दत्तात्रेय ने खेल विश्वविद्यालय को ओलंपिक खेलों में
सात से सत्तर पदकों का लक्ष्य निर्धारित करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान
वैश्विक परिदृश्य में खेल किसी भी देश की प्रगति और तकनीकी उन्नति का संदेश देते हैं।
अगर भारत को ओलंपिक में पदक संख्या बढ़ानी है, तो खिलाड़ियों को तकनीकी सुविधाएं, प्रशिक्षण,
और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। खेल वैज्ञानिकों, कोच, माता-पिता,
और सरकार को एकजुट होकर काम करना होगा।
इस मौके पर कुलपति खेल विश्वविद्यालय राई अशोक कुमार, डीन
व ऑर्गेनिसिंग सेक्रेटरी खेल विश्वविद्यालय राई डॉ. योगेश चंद्रा, डीन खेल विश्वविद्यालय
राई, ओलम्पिक गोल्ड नीरज चौपड़ा, ज्योति सोलंकी, प्रिंसिपल मोती लाल नेहरू स्पोर्ट्स
स्कूल राई मौशमी घोषाल सहित खेल विश्वविद्यालय राई सभी अधिकारीगण, शिक्षक, कोच, कर्मचारी
आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना
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