हिसार : राखी गढ़ी पांच हजार वर्ष पुरानी नहीं, अब आठ हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता
हिसार, 29 अप्रैल (हि.स.)। आईकॉनिक साइट राखी गढ़ी के अध्याय के ऐतिहासिक पन्ने पर एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। अब तक पांच हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता होने के साक्ष्य मिले थे, लेकिन टीले नंबर सात पर मिले कंकालों के नीचे खुदाई की गई तो वहां पर चूल्हा सहित अन्य काफी अवशेष मिले और जब उनकी कार्बन डेटिंग करवाई गई तो इसके आठ हजार वर्ष पुरानी सभ्यता होने पर मोहर लग गई।
इसके साथ ही जिले के गांव राखी गढ़ी के इतिहास के पन्ने पर यह दर्ज हो गया कि सबसे पुरानी सभ्यता हमारे देश के हिसार जिले के गांव राखी गढ़ी में देखी जा सकती है। राखी गढ़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली द्वारा 2023 में टीले नंबर सात पर खुदाई की गई थी। उस समय तीन कंकाल मिले थे। उन कंकालों को डीएनए के लिए भेजा गया था, लेकिन उनके डीएनए की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। पुरातत्व विभाग ने कंकालों के नीचे की तरफ खुदाई की तो उनके नीचे मानव जीवन होने के प्रमाण मिलें।
खुदाई के दौरान एक चूल्हा, हारा, पोटरी, चारकोल (कोयला), ईंटों की दीवार के अवशेष मिलें। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को आभास हो गया था कि यह सभ्यता और भी ज्यादा पुरानी हो सकती है। उन्होंने इन अवशेषों को भारतीय भूतत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली में कार्बन डेटिंग के लिए भेज दिया। जब कार्बन डेटिंग की रिपोर्ट आई तो चौंकाने वाला रहस्य उजागर हुआ। जिस सभ्यता पर कंकालों के डीएनए के बाद करीब पांच हजार वर्ष पुरानी सभ्यता होने की मोहर लगी थी, उस हड़प्पा कालीन सभ्यता के आज करीब आठ हजार वर्ष पुरानी होने के प्रमाण मिले हैं।
क्या है कार्बन डेटिंग
खुदाई के दौरान जो भी अवशेष निकलते हैं, उनको जांचने के लिए कार्बन डेटिंग की जाती है। उसके लिए सभी अवशेषों के टुकड़े और उनके पास की मिट्टी भी उठाई जाती है। इस दौरान पूरी सावधानी बरती जाती है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद सभी अवशेषों को कार्बन डेटिंग के लिए भेज दिया जाता है। हमारे देश के कई शहरों में कार्बन डेटिंग की जाती है।
रिपोर्ट में मिले ये प्रमाण
टीला सात पर खुदाई के दौरान मिले अवशेषों को दिल्ली में कार्बन डेटिंग के लिए भेजा गया था। उनकी रिपोर्ट मिली है कि भेजे गए अवशेष करीब आठ वर्ष पुराने हैं। अब राखीगढ़ी की हड़प्पा कालीन सभ्यता आठ हजार वर्ष पुरानी सभ्यता कहलाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन/संजीव
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