हिसार : राखीगढ़ी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए केंद्रीय बजट में 500 करोड़ का प्रावधान : नायब सैनी

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हिसार : राखीगढ़ी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए केंद्रीय बजट में 500 करोड़ का प्रावधान : नायब सैनी


हिसार : राखीगढ़ी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए केंद्रीय बजट में 500 करोड़ का प्रावधान : नायब सैनी


राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास जारी

राखीगढ़ी और राखी शाहपुर गांवों को 21-21 लाख रुपये का अनुदान देने की करी

घोषणा

हिसार, 26 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत की प्राचीनतम

और गौरवशाली सभ्यता की साक्षी राखीगढ़ी को देश के एक प्रतिष्ठित वैश्विक पहचान वाले

स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बजट में 500 करोड़

रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार भी राखीगढ़ी के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक

और पर्यटन महत्व को समझते हुए इसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर

प्रमुख स्थान दिलाने के लिए निरंतर ठोस कदम उठा रही है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी शुक्रवार को भारत की प्राचीनतम सभ्यता की धरोहर पावन

भूमि राखीगढ़ी में आयोजित दूसरे राज्य स्तरीय राखीगढ़ी महोत्सव के अवसर पर उपस्थित

जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हड़प्पा ज्ञान केंद्र का भी

उद्घाटन किया। महोत्सव में शिल्प मेला, विरासत दौड़, वर्कशॉप, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक

कार्यक्रम, ग्रामीण खेलकूद, प्रश्नोत्तरी व रंगोली तथा फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं आयोजित

हो रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी महोत्सव में शुरू हुई अलग अलग गतिविधियों का अवलोकन

किया। इस दौरान उनके साथ विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कैबिनेट मंत्री

रणबीर गंगवा, विधायक विनोद भ्याना भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी पंचायत द्वारा प्रस्तुत की गई सभी 13 मांगों

को संबंधित विभागों को भेजकर शीघ्र पूरा करवाया जाएगा। इसी प्रकार राखी शाहपुर पंचायत

द्वारा रखी गई पांच मांगों को भी संबंधित विभागों को प्रेषित कर पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री

ने इस अवसर पर राखीगढ़ी एवं राखी शाहपुर गांवों को 21-21 लाख रुपये का अनुदान देने

की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विशेष पहचान

प्राप्त है। यह वही भूमि है, जहां हजारों वर्ष पूर्व विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में

से एक हड़प्पा सभ्यता का उत्कर्ष हुआ। यहां हुई खुदाइयों से प्राप्त अवशेष यह प्रमाणित

करते हैं कि उस काल में राखीगढ़ी एक बड़ा औद्योगिक एवं व्यापारिक केंद्र था, जहां सुव्यवस्थित

नगर नियोजन, स्वच्छता व्यवस्था और जल प्रबंधन की अद्भुत व्यवस्था थी।

राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास जारी

सीएम सैनी ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार हरियाणा में लगभग

100 ऐसे स्थल हैं, जो ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व रखते हैं। इनमें रोहतक का फरमाणा,

भिवानी का मिताथल, कैथल का बालू और फतेहाबाद का बनावाली प्रमुख हैं। राखीगढ़ी सहित

इन सभी स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए विशेष परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। राखीगढ़ी

को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां

22 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया गया है।

कार्यक्रम को विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, लोक निर्माण मंत्री

रणवीर गंगवा, विरासत एवं पर्यटन विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने भी संबोधित

किया। कार्यक्रम में विधायक रणधीर पनिहार, विरासत एवं पर्यटन विभाग के निदेशक डॉ. अमित

खत्री, हड़प्पा ज्ञान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर वसंत शिंदे, पूर्व मंत्री अनूप धानक,

पूर्व सांसद जनरल डीपी वत्स, जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग, हिसार के मेयर प्रवीण

पोपली, भाजपा प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया, हिसार जिला प्रभारी जवाहर सैनी व हांसी

जिला अध्यक्ष अशोक सैनी सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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