ईडीसी बकाया निपटाने की मियाद मार्च 2026 तक बढ़ी

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चंडीगढ़, 20 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा में लंबे समय से अटके रियल एस्टेट और कॉलोनी विकास से जुड़े मामलों में कॉलोनाइजरों और जमीन के उपयोग (सीएलयू) मामलों में ईडीसी (एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज) का बकाया एक मुश्त निपटाने के लिए लागू ‘समाधान से विकास-2021’ योजना को अब 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया गया है। यह फैसला टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से जारी आदेश के तहत लिया गया है।

सरकार का कहना है कि योजना की अवधि बढ़ाने का मकसद लंबे समय से लंबित ईडीसी बकायों की वसूली करना और रुके हुए विकास कार्यों को फिर से पटरी पर लाना है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह की ओर से इस संदर्भ में निदेशक अमित खत्री को पत्र लिखा है। दरअसल, जब कोई बिल्डर या कॉलोनाइजर रिहायशी या व्यावसायिक कॉलोनी विकसित करता है, तो उसे सडक़, सीवर, पानी, बिजली जैसी बाहरी सुविधाओं के लिए सरकार को ईडीसी देना होता है।

कई मामलों में यह राशि समय पर जमा नहीं हो पाई, जिससे न सिर्फ सरकारी फाइलें अटक गईं, बल्कि कॉलोनियों का विकास भी प्रभावित हुआ। आम लोगों को प्लॉट या मकान मिलने में देरी हुई। अगर कोई डेवलपर पूरी मूल राशि (100 प्रतिशत) एक साथ देता है, तो उसे बकाया ब्याज का एक तय प्रतिशत देना होगा, जो हर महीने एक प्रतिशत बढ़ता जाएगा। वहीं, अगर कोई आधी मूल राशि (50 प्रतिशत) अभी देना चाहता है, तो बाकी रकम उसे किश्तों में चुकाने की सुविधा मिलेगी। इस फैसले से सालों से अटकी फाइलें निपटेंगी। सरकार को करोड़ों रुपये का बकाया राजस्व मिलेगा। रुकी हुई कॉलोनियों और प्रोजेक्ट्स का काम दोबारा शुरू होगा। विभाग का कहना है कि यह फैसला हरियाणा सरकार की की उस नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत शहरी विकास को तेज करने पर जोर दिया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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